शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत मिला अशोक चक्र

68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया। वह मई 2016 में जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।
हंगपन की विधवा चेसन लोवांग ने राष्ट्रपति मुखर्जी से यह सम्मान प्राप्त किया। यह शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता अवॉर्ड है। उन्हें यह सम्मान अदम्य साहस, वीरता और बलिदान के लिए दिया गया।
राष्ट्रपति ने शहीद जवान के साहस को सलामी दी
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि अबू धाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भावुक क्षण के गवाह रहे। राष्ट्रपति ने असम रेजीमेंट के इस शहीद जवान के साहस को सलामी दी।
हंगपन का नौगाम सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ का प्रयास कर रहे चार आतंकवादियों से सामना हुआ था। पहले उन्होंने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इसके बाद चौथे आतंकवादी ने हंगपन को बुरी तरह से घायल कर दिया था। हालांकि घायल अवस्था में ही हंगपन ने चौथे आतंकवादी को भी मार गिराया और बाद में शहीद हो गए।
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