शादी अनुदान राशि के लिए विवाह प्रमाण पत्र होगा अनिवार्य

उत्तर प्रदेश में शादी अनुदान राशि पाने के लिए विवाह प्रमाण पत्र देना अनिवार्य किया जाएगा। योजना में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय नई नियमावली तैयार करवा रहा है।
राज्य सरकार गरीब परिवारों की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए आर्थिक मदद देती है। पहले यह राशि 10 हजार रुपये थी, जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया है। साथ ही, आवेदन ऑनलाइन लिए जाने की व्यवस्था भी लागू की है।
इसके बावजूद गड़बड़ियों की तमाम शिकायतें सामने आ रही हैं। हाल ही आरोप लगा है कि फिरोजाबाद में जिनकी शादी महीनों पहले हो चुकी है, उन्हें शादी अनुदान की रकम दे दी गई। इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने और पात्र परिवारों को ही योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग हर साल 77 हजार गरीब बेटियों की शादी के लिए कुल 154 करोड़ रुपये अनुदान देता है। सरकार के नए निर्देशों के तहत पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय ने जाति, आय व शादी प्रमाण पत्र संबंधित वेबसाइट पर अपलोड करने पर ही शादी अनुदान की राशि जारी करने का फैसला किया है। ये तीनों ही प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभागों की वेबसाइट पर उपलब्ध रहते हैं, इसलिए ऑनलाइन ही मिलान हो सकेगा। इसके लिए किसी भी विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
विभाग के मुताबिक, जाति और आय प्रमाण पत्र सही पाए जाने पर चयनित लाभार्थी के खाते में 10 हजार रुपये भेजे जाएंगे ताकि परिवार उस राशि का शादी में इस्तेमाल कर सके। शेष 10 हजार रुपये लाभार्थी की ओर से विवाह प्रमाण पत्र अपलोड किए जाने पर दिया जाएगा।
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