मणिपुर के हिस्से में जुड़ी एक और कामयाबी, सौर शौचालय निर्माण वाला बना पहला राज्य

प्रगति के पथिक पर आगे बढ़ते पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य के खाते में एक और कामयाबी जुड़ गई है। मणिपुर में भी अब सौर शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसी के साथ मणिपुर पूर्वोंत्तर का पहला और भारत का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां पर सौर शौचालय हैं।
इन शौचालय का उद्घाटन पिछले सप्ताह पर्यटन निदेशक, वैखोम इबोहल द्वारा इबुडौ मार्जिंग पहाड़ी में किया गया था। बता दें कि भारत में सूर्य की ऊर्जा से चलने वाला जलहीन शौचालय का निर्माण शुरू हुआ था। यह शौचालय दुनिया भर के उन ढाई अरब लोगों के लिए मददगार साबित होगा, जो सुरक्षित और टिकाउ सफाई व्यवस्था की कमी का सामना कर रहे हैं। इन शौचालय के निर्माण के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से मिले 7.77 लाख डॉलर के अनुदान दिया गया था।
मणिपुर में सौर ऊर्जा शौचालय का उद्घाटन करते हुए इबोहल ने कहा, 'हाल ही में गुवाहाटी में वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान मैं एक उद्यमी से मिला, जहां मुझे सौर शौचालयों की तकनीकों के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद मैंने तुरंत ऐसे शौचलायों को मणिपुर में उपयोग करने के बारे में सोचा।' उन्होंने कहा कि अगर प्रारंभिक परियोजनाएं सफल होती हैं, तो राज्य भर में लगभग सभी पर्यटन स्थलों में ऐसे सौर शौचालय स्थापित किए जा सकते हैं।
सौर शौचालय बनाने वाले संस्थापक, (रविकास मैत्री) रवि सेनजी, मणिपुर के एक डीलर के साथ आए और राज्य में परीक्षण के आधार पर इन सौर शौचालयों की स्थापना पर काम किया। शौचलायों से जुड़े सौर पैनल पॉवर उत्पन्न करने के लिए गर्मी को सोख लेते हैं।
संस्थापक का दावा है कि यह सौर पैनल अपशिष्ट सामग्री को परिवर्तित करने में भी सहायक हैं। चेन्नई के रहने वाले रवि सेनजी ने बताया कि मणिपुर में सौर शौचालय तीसरी परियोजना है। इससे पहले तमिलनाडू और आंध्र प्रदेश में ऐसे शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। सेनजी अब 2 अक्टूबर से पहले मणिपुर में 100 इकाइयों को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
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