बेसिक शिक्षा विभाग के लिए कारगर साबित हो रहा यह पोर्टल, फर्जी टीचरों की खुल रही पोल
बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में बीते दिनों एक साथ 25 जगह से वेतन ले रही अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) का खुलासा होने के बाद अब सभी आश्चर्यचकित है। आखिरकार यह कैसे हुआ क्या ज्वाइनिंग के समय किसी ने महिला के बारे में किसी ने पता नहीं लगाया। उस महिला के डाक्यूमेंटों की जांच नहीं की गई और उस महिला के एड्रेस और बैंक खातों की संख्या के बारे में भी पता नहीं लगाया गया। ऐसे ही न जाने कितने सवाल उठ रहे थे, लेकिन बीते दिनों एक साफ्टवेयर ने उस महिला की गड़बड़ी पकड़ ली और एक ही नाम के खातों में कई जगहों से वेतन जाने के संबंध में पता लगा लिया गया। उस अदृश्य अनामिका (Anamika Shukla) के बारे में पता एक साफ्टवेयर के जरिए चला। इस साफ्टवेयर का नाम है मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal)।
जी हां, बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में इस समय शिक्षकों की पूरी हिस्ट्री इसी साफ्टवेयर में फीड की जा रही है। पूरे प्रदेश में इस साफ्टवेयर में शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं के बारे में डेटा तैयार किया जा रहा है। अगर यह कहा जाए कि बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) से जितने भी लोगों को वेतन जाता है, उनका पूरा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है, तो फिर यह गलत नहीं होगा। विभाग के अधिकारियों ने इसी साफ्टवेयर के जरिए अभी तक 1700 से अधिक फर्जी शिक्षकों को पकड़कर उन्हें बर्खास्त कर दिया है। इस साफ्टवेयर का काम मार्च तक पूरा हो जाना था, लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से मामला अधर में लटक गया। अब अनामिका शुक्ला का केस सामने आने के बाद विभाग ने इसको और गति प्रदान करते जल्द से जल्द इसके तहत समस्त प्रविष्टियों को भरने का आदेश दिया है। विभाग की तरफ से 30 जून तक पूरे प्रदेश में इसका काम पूरा करने के लिए कहा गया है।
अब सभी शिक्षकों का रखा जाएगा डेटा
बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रदेश सरकार भी मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) में फीडिंग कराने को लेकर बहुत फोकस कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उच्च, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा में सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए है।
बता दें, बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) पहले से ही मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) के माध्यम से प्रमाणपत्रों का सत्यापन करवा ही रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) मानव संपदा पोर्टल पर लगभग 5 लाख शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों को अपलोड कर चुका है। अब शिक्षकों को अपना ब्यौरा चेक करके आपत्ति करनी है और इसे सही करवाना है। बेसिक शिक्षा निदेशालय (Basic Education Department) ने जून की शुरुआत में ही प्रधानाध्यापकों की ड्यूटी लगाकर इस ब्यौरे का सत्यापन कर लॉक करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वैसे, मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर उपलब्ध शिक्षकों के ब्यौरे को एक लाख से अधिक शिक्षकों ने ही चेक किया है।
अब विभाग यह मान रहा है कि जिन शिक्षकों ने फर्जीवाड़ा किया होगा, वह अपना सत्यापन करवाने से बचेगा। बता दें बीते दिनों कस्तूरबा विद्यालय का मामला सामने आने के बाद शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अब विभाग 5 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों की जांच कराने जा रहा है। वहीं, कस्तूरबा विद्यालयों की जांच के लिए अलग से एसटीएफ व एसआईटी को लगा दिया है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: शिक्षामित्रों को लाभ देने के पक्ष में नहीं सरकार, SC में रखा अपना पक्ष
आखिर क्यों खास है मानव संपदा पोर्टल
शिक्षा विभाग (Basic Education Department) की तरफ से मानव संपदा पोर्टल पर जांच कराई जा रही है। आखिर यह क्यों खास इसके बारे में इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जी शिक्षकों को इसी के जरिए ही पकड़ा जा रहा है। विभाग (Basic Education Department) की तरफ से इसको लेकर सख्त से कदम भी उठाए जा रहे हैं।
विभाग (Basic Education Department) पर पूरी डिटेल्स को चेक करा रहा है और अगर कोई भी शिक्षक फर्जी तरीके से पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा रही है। यही नहीं अभी तक बहुत से शिक्षकों को बर्खास्त भी किया जा चुका है। इस ब्लाकों में सरकार की तरफ अपलोड फॉर्म का सत्यापन किया जा रहा है। बता दें मानव संपदा पोर्टल पर ब्योरा उपलब्ध नहीं होने पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा। यही नहीं, ब्यौरा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर लोड कर सत्यापन न करने वाले शिक्षक अंतरजनपदीय तबादला भी नहीं करा सकेंगे। 30 जून तक डाटा लोड कर सत्यापन न कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाएगा। वहीं, विभाग की तरफ से सेवा संबंधी मिलने वाले लाभ भी रोके जाएंगे। बता दें पहले विभाग (Basic Education Department) की तरफ से अपलोड फॉर्म का सत्यापन कराने की अंतिम तारीख 15 जून निर्धारित की गई थी। शिक्षकों का डेटा उपलब्ध न होने के कारण इसकी डेट को आगे बढ़ा दिया गया। अभी तक अधिकांश जिलों में डाटा फीड कराने के बाद शिक्षकों ने सत्यापन नहीं करवाया है। अब विभाग ऐसे शिक्षकों, कर्मचारियों और अफसरों पर शिकंजा कसाने की तैयारी कर रहा है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...