नोटबंदी के दौरान रोने वाला यह शख्स आज मोदी सरकार के फैसले से है बेहद खुश

8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद देश के हर इंसान पर इसका असर दिखा। उस दौरान लोगों का उद्धेश्य एक ही था, बैंक और एटीएम। लेकिन लोगों का इंतेजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। लोगों ने सब्र किया और समय बीतता गया। अब इस घोषणा का पूरे एक साल हो चुके हैं। इस दौरान 80 साल के आर्मी से रिटायर बुजुर्ग गुड़गांव में एसबीआई के ब्रांच के आगे कुछ घंटों के इंतजार बाद रुपए नहीं मिलने के बाद टूट गया और रोने लगा। नंद लाल नाम के इस शख्स की वो तस्वीर उस समय वायरल हो गई थी। वो एक तरह से नोटबंदी के आलोचकों का सहारा बन गए थे।
नंद लाल गुड़गांव में एक छोटे से कमरे में रहते हैं। वो भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान पाकिस्तान के डेरा गाजी से भारत आ गए थे। 1991 में नंद लाल आर्मी से रिटायर हुए। उन्होंने एक लड़की को गोद लिया जो शादीशुदा है और उनसे कभी-कभी मिलने आती है।
क्यों रोए थे नंद लाल?
नंद लाल एक साल पहले की बात याद करते हुए कहा कि उस वक्त मुझे पैसों की जरूरत थी और मैं लाइन में पैसा बदलवाने के लिए खड़ा था। मुझे बैंक से पैसा मिला भी लेकिन वो नकाफी था। मुझे मकान का किराया और अपनी नौकरानी को पैसा देना था। लेकिन बैंक की तरफ से उतना पैसा नहीं मिल पाया। लेकिन उस दौरान उन्हें किसी ने धक्का दे दिया। साथ ही एक औरत उनके पैर पर चढ़ गई, जिस वजह से वो दर्द से तड़प उठे। उनकी आंखों से आंसू निकल गए।
अब कोई दिक्कत नहीं है
नंद लाल ने बताया कि मुझे उस दौरान बस इतनी ही दिक्कत हुई थी और कुछ परेशानी नहीं हुई थी। अब तो सब ठीक है। अब मेरी नौकरानी ही बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जाती है। मुझे अब जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि मैं सेना में रहा हूं तो मुझे देश से बहुत प्यार है।
नोटबंदी से खुश हूं, सरकार की हर बात मानूंगा
लाल बताते हैं कि वो नोटबंदी से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनसे जो भी कहेगी वो मानेंगे। क्योंकि वो एक सेना के जवान रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि वो 20 साल तक आर्मी में रहे हैं और वो राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने कहा कि वो हमेशा सरकार के फैसले को मानते रहे हैं और आगे भी मानते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जो कुछ भी करती है वो देश के हित में ही करती है।
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