महाकुंभ में लाखों करोड़ों लोग गंगा स्नान करते हैं। प्रदेश सरकार का अनुमान है कि प्रयागराज में पांच करोड़ श्रद्धालुओं के अलावा लाखों की संख्या मे साधू-संतों का आगमन होगा। इनके लिए अलग-अलग पर्व पर अलग-अलग विधा के स्नान तय हैं। इस दौरान गंगा की अविरलता व शुद्धता बरकरार रखना सरकार और उनके मातहतों की ज़िम्मेदारी होगी। महाकुंभ के चलते शहर में अतिप्रदूषित जल प्रवाहित करने वाली 456 इकाइयों के लिए 24 दिनों तक बंदी का आदेश जारी किया गया है। बंदी के दौरान चर्म इकाइयों, रंग फैक्ट्रियों के साथ ही कारख़ाना संचालकों को शून्य उत्प्रवाह का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। जो भी शून्य उत्प्रवाह का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ तालाबंदी की कार्यवाही की जाएगी।जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने निगरानी के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त कमेटी का गठन किया है।
प्रयागराज में जनवरी-फरवरी 2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। महाकुंभ मेले के दौरान गंगा नदी के जल की शुद्धता सुनिश्चित किए जाने के लिए शासन व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने क्षेत्रीय नियंत्रण बोर्ड को आदेश जारी कर दिये हैं। इसमें गंगा जल की अविरलता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए कहा है कि उक्त अवधि में चर्म इकाइयों व स्लाटर हाउसों पर शून्य उत्प्रवाह का नियम लागू रहेगा। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अमित मिश्र ने बताया कि शून्य उत्प्रवाह पर सख्ती से अमल कराया जाएगा।
जाजमऊ क्षेत्र की छह कमेटियाँ करेंगी निगरानी
जाजमऊक्षेत्र में चर्म इकाइयों की निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने छह कमेटियों का गठन किया है। इसमें प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, जल निगम के साथ ही फजलगंज और पनकी क्षेत्र की निगरानी के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट व सहायक पुलिस आयुक्त के नेत्रत्व में पांच लोगों की टीम का गठन किया गया है।