योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ-2025 का न्योता लेकर देश-विदेश जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित सरकार के सभी मंत्री अलग-अलग राज्यों में जाकर रोड शो करेंगे। सभी राज्यों के राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों को भी महाकुंभ में आमंत्रित किया जाएगा। कई मंत्री विदेश जाकर महाकुंभ की ब्रांडिंग कर वहां लोगों को महाकुंभ आने के लिए आमंत्रित करेंगे। दिसंबर के पहले सप्ताह से मंत्रियों के रोड शो का कार्यक्रम आ रहा है। सीएम योगी ने शुक्रवार को लोक भवन में मंत्रियों की बुलाई गई बैठक में यह निर्णय लिया।
योगी ने कहा कि महाकुंभ के महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया जाए। हर वर्ग के लोगों को इससे जोड़ा जाए। बैठक के बाद राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के मंत्री देश के सभी राज्यों में जाएंगे और वहां के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को महाकुम्भ में आने का न्यौता देंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के नेताओं से भी संपर्क किया जाएगा, तो मंत्री ने कहा, “ क्यों नहीं, हम विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत सभी से मिलेंगे और उन्हें आमंत्रित करेंगे।”
महकुंभ के जरिये सरकार प्रदेश की अलग पहचान स्थापित करने की तैयारी कर रही है। प्रमुख स्नान पर सबसे अधिक श्रद्धालुओं के स्नान, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, मेले की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग सहित अन्य नवाचार को अपनाकर रिकार्ड भी दट्ज़ कराना चाहती है। सरकार दिल्ली, मुंबई, जयपुर, गोवा, बैंगलौर, कोलकाता, गुवाहाटी, देहरादून, भोपाल, इंदौर, चंडीगढ़, इंदौर, पटना, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई आदि शहरों में रोड शो की तैयारी कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली प्रदेश की कैबिनेट ने महाकुम्भ का भारत और विदेशों में प्रचार करने के लिए 22 नवंबर को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि महाकुम्भ पूरी दुनिया में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। एक मंत्री ने कहा कि इन रोड शो का नेतृत्व मंत्रियों द्वारा किया जाएगा जो इस अवसर का उपयोग इन राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से मिलने के लिए करेंगे। यह दौरा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 13 दिसंबर को प्रस्तावित प्रयागराज आगमन से पहले पूरा होने की संभावना है।
आखिर हर 12 साल बाद ही क्यों आता है महाकुंभ
हर 12 साल के बाद महाकुंभ मेले का आयोजन क्यों आता है इसके पीछे कई धार्मिक मान्यताएं हैं। माना जाता है कुंभ मेले की उत्पत्ति समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ी है। जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तब अमृत निकला। इस अमृत को पाने के लिए दोनों पक्षों में युद्ध हुआ जो 12 दिव्य दिनों तक चला। माना जाता है कि ये 12 दिव्य दिन पृथ्वी पर 12 साल के बराबर हैं। ये भी मान्यता है कि अमृत के घड़े से छींटे उड़कर 12 स्थानों पर गिरे थे, जिनमें से चार पृथ्वी पर थे। इन चार स्थानों पर ही कुंभ मेला लगता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह 12 साल में 12 राशियों का चक्कर लगाता है। कुंभ मेले का आयोजन उसी समय होता है जब बृहस्पति ग्रह किसी विशेष राशि में होता है।
महाकुंभ 2025 शाही स्नान तिथियां
- पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 के दिन पहला शाही स्नान होगा।
- मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 के दिन दूसरा शाही स्नान होगा।
- मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 के दिन तीसरा शाही स्नान होगा।
- बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 के दिन चौथा शाही स्नान होगा।
- माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 के दिन पांचवा शाही स्नान होगा।
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 के दिन आखिरी शाही स्नान होगा।