अगले साल जनवरी 2025 में महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। इसको लेकर यूपी में जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि महाकुंभ में सुविधाओं और सुरक्षा उपायों की लगातार समीक्षा की जाए और उन्हें बेहतर बनाया जाए जिससे राज्य को इस आयोजन से फायदा मिल सके और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को शांति से अध्यात्मिक माहौल में सराबोर होने का अवसर मिले।
महाकुंभ की जोर-शोर से तैयारी चल रही है। यह जश्न पूरे 45 दिन का होगा, जो 14 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। यह महाकंभ साल 2012 में हुए महाकुंभ से करीब तीन गुना बड़ा होने वाला है। सूबे की सरकार ने 15 से ज्यादा विभागों को तैयारी के प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी सौंपी है। तैयारी में 500 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन उम्मीद
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के मुताबिक, नदी किनारे 4,000 हेक्टेयर में हो रहे महाकुंभ में करीब 40-45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस आयोजन का अनुमानित बजट करीब 6,382 करोड़ रुपये है, जिसमें से 5,600 करोड़ रुपये से ज्यादा पहले ही आयोजन और संबंधित परियोजनाओं के लिए अलग रखे जा चुके हैं। समाजवादी पार्टी सरकार के शासनकाल में 2012 में हुए कार्यक्रम का बजट 1,152 करोड़ रुपये था, जिसमें करीब 12 करोड़ लोग शामिल हुए थे।
महाकुंभ की महा-तैयारी
उत्तरप्रदेशजलनिगमक्षेत्रों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए 1,249 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाएगा।
- 200 वाटर एटीएम और वाटर पंप लगाए जाएंगे।
- राज्य सड़क विभाग प्रयागराज से जुड़ने वाले तमाम राजमार्गों पर 7,000 बसें चलाई जाएंगी।
- प्रयागराज से मेले वाली जगह तक करीब 550 शटल बसें भी चलाई जाएंगीं।
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 15 लाख वर्ग फीट में फैली सार्वजनिक दीवारों और इमारतों पर चित्र बनाने के लिए आठ अलग-अलग एजेंसियों को हायर किया है।
- प्रयागराज एयरपोर्ट का नवीनीकरण एक नए टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण और विमानों के पार्क होने वाले एप्रन एरिया का विस्तार करके किया जाना है।
श्रद्धालुओं के लिए इंडियन रेलवे का ऐतिहासिक कदम
इंडियन रेलवे भी अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गया है। ट्रेन सफर को और ज्यादा बेहतर बनाने के मकसद से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, प्रयागराज रेलवे डिवीजन प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर होने वाले ऐलानों को कई भाषाओं में शुरू करने जा रहा है। इससे पूरे भारत से आने वाले अलग-अलग भाषाओं वाले यात्रियों को अपनी मातृभाषा में ट्रेन से संबंधित जानकारी मिलेगी, जिससे उनका सफर का अनुभव शानदार होगा और जानकारी समझ में आएगी।
45 हजार परिवारों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में पारम्परिक भारतीय मूल्यों और ‘अतिथि देवो भव’ की संकल्पना पर पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और वातावरण प्रदान कर रही है। जिससे पर्यटन सेक्टर का कायाकल्प हो रहा है। प्रयागराज महाकुंभ जैसा विशाल जन समागम इसे बड़े मंच प्रदान कर रहा है। पर्यटन को गति देने के लिए पूरे प्रयागराज में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे वेंडर्स और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी। 45,000 से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
प्रदेश में वर्ष 2017 में उपेक्षित पड़े पर्यटन सेक्टर को प्रदेश सरकार ने नया आयाम दिया है। नवंबर 2022 में यूपी की नई पर्यटन नीति-2022 मंजूर होने के बाद पर्यटन क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। नई नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ के निवेश और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। पर्यटन सेक्टर से जुड़े सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन से जोड़ना महत्वपूर्ण है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक, महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। नाविकों, टूर गाइडऔर स्ट्रीट वेंडर्स जैसे सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नई भूमिका में रिवर गाइड होंगे नाविक
धार्मिक स्थलों में नदियों में नौका संचालन से आजीविका चलाने वाले नाविकों की आय बढ़ाने और क्षमताओं का विकास कर सरकार उन्हें नई भूमिका दे रही है। पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को इसका प्रशिक्षण दे रहा है। 300 नाविकों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस प्रशिक्षण से नाविक अब नौकायन से आगे बढ़कर रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे। इससे नदियों में धार्मिक स्थलों के किनारे नाव चलाने वाले हजारों नाविकों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन स्थलों का वातावरण भी बेहतर होगा।
प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को स्किल डेवलेपमेंट और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है। मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रखर तिवारी की अगुवाई में यह ट्रेनिंग चल रही है। 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवाएं देने को तैयार हैं।
शहर के स्ट्रीट वेंडर्स और टैक्सी ड्राइवर्स को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 600 स्ट्रीट वेंडर्स और 600 टैक्सी ड्राइवर्स को इसका प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके अंतर्गत अभी तक 250 स्ट्रीट वेंडर्स और 120 टैक्सी ड्राइवर्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
लोकल मैपिंग के लिए गूगल के साथ समझौता
यह पहला महाकुंभ होगा जिसमें नेविगेशन के लिए अस्थायी टेंट सिटी गूगल मैप्स पर दिखाई देगी। हाल ही में गूगल के प्रतिनिधियों और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।