एक तहफ सरकार महाकुंभ को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटी है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी की जा रही है लेकिन दूसरी तरफ साधु-संतों के बीच विवाद के चलते अखाड़ों में दो गुट हो गया है। यही कारण रहा कि गुरुवार को जमीन आवंटन को लेकर हुई बैठक के पहले अखाड़ों के साधु-संतों में मारपीट हो गई है। इंटरनेट मीडिया पर इस पूरे घटना की वीडियो भी तेजी से वायरल हो रही है।
इसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी व श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरि की ओर से मेलाधिकारी विजय किरन आनंद को शिकायती पत्र भी दी गई है।
क्या है पूरा मामला
बात कल (7 नवंबर) की है जब अखाड़ों के जमीन आवंटन के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से मेला कार्यालय में सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। शाम को सभी पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए थे। बैठक शुरू होने के पहले कुछ साधु-संत मंत्रोच्चारण कर रहे थे, इसी बीच कुछ संतों में विवाद हो गया। हाथापाई शुरू हो गई, देखते ही देखते दो गुट सामने हो गए और जमकर लात-घूसे चले। इस बीच मेला प्राधिकरण के अधिकारी बीच-बचाव करते दिखे।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने की शिकायत
परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने देर शाम मेलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने लिखा, “बैठक में पूजा-पाठ चल रहा था, मैं भी उसमें बैठा था। तभी निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास व अन्य साधु मेरे पीछे आकर गाली-गलौच करते हुए मुझे वहां से उठाने का प्रयास करने लगे। इसके बाद वह प्रेम गिरि के ऊपर हमला बोल दिए। मेलाधिकारी इसमें उचित कार्यवाई करें।”
प्रेम गिरि ने मेरे ऊपर हमला किया: राजेंद्र दास
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा, “जब भी कोई मेला होता है तो अखाड़े के पदाधिकारियों को बुलाया जाता है। लेकिन कुंभ में तीन बार से ऐसा हो रहा है कि पदाधिकारियों को न बुलाकर दूसरों को यहां बैठाया जाता है। जूना अखाड़े का रिकार्ड अच्छा नहीं है। इस अखाड़े के प्रेम गिरि ने मेरे ऊपर हमला किया है।”