लखनऊ : मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से प्रसाद लाकर चढाने पर रोक

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जिस तरह पशुओं की चर्बी होने की घटना के बाद अब देश भर के मंदिरों में मिल रहे प्रसाद को लेकर लोग संशय में आ गए हैं। एक तरफ जहां मथुरा के मंदिरों में प्रसाद में मिल रहे पेड़े में डिम्पल यादव ने सवाल खड़े किए तो वहीं काशी विश्वनाथ के प्रसाद को लेकर खुद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द पहले ही संशय जता चुके हैं।

आपको बता दें लखनऊ के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर प्रशासन ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर की घटना के बाद अब मनकामेश्वर मंदिर में बाजार के प्रसाद को बैन कर दिया है। लखनऊ के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर के महंत ने कहा है की अब गर्भ गृह में सिर्फ सूखे मेवे चढ़ाए जा सकते हैं इसके अलावा खुद से घर पर बनाया गया प्रसाद ही चढ़ाया जा सकता है।

लखनऊ के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर की पीठाधीश्वर महंत देव्यागिरि ने मांग की है कि पूरे देश और प्रदेश में सनातन धर्म बोर्ड गठित किया जाए। साथ ही, इसमें शहर के प्रमुख मंदिरों के महंत और मुख्य पुजारियों को शामिल किए जाने की मांग की गई है। इस बोर्ड को न्यायिक शक्ति प्राप्त होने की भी मांग है। इसके साथ ही महंत देव्यागिरि ने धर्म स्थानों (मंदिरों) में प्रसाद के रूप में बेची जाने सामग्री की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जांच कराकर ये पता कर लिया जाए कि कहीं भ्रष्टाचारी तत्व इसमें तो नहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी कर रहे हैं।

उन्होने मांग की कि जांच में किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर दोषी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। महंत देव्यागिरि ने सोमवार को लखनऊ डीएम सूर्यपाल गंगवार को सीएम योगी ने नाम अपनी मांगों का पत्र सौंप दिया है। वहीं, महंत देव्यागिरि ने बताया कि आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी सुप्रसिद्ध मंदिर है। वहां प्रसाद को लेकर मामला सामने आया है। करीब 300 सालों से लगातार घटना हो रही है। इससे बड़ा आस्था पर कोई आघात नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर हम लोगों ने गर्भगृह तक प्रसाद ना पहुंचे, इसको लेकर कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन से मांग है कि समय समय पर प्रसाद की जांच हो।

Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.