डॉ. हरिओम का गांव से निकलकर आईएएस बनने का सफर कुछ ऐसा था

उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा में काम कर रहे आईएएस डॉ हरिओम ने इंडिया वेव के ख़ास कार्यक्रम “मुलाक़ात” में ख़ास बातचीत की।  बातचीत के दौरान डॉ हरिओम ने अपने गाँव के स्कूल से लेकर आईएएस बनने तक के सफर पर चर्चा की। 

अपने बचपन की यादों को ताजा करते हुए हरिओम कहते है कि 10वीं तक की पढ़ाई हमने बिना लाइट के ही की।  हमारे गाँव में लाइट का कोई नाम-ओ-निशां नहीं था।  हमने अपना बचपन बहुत मौज में जिया है।  जेेएनयू के बारे में डॉ हरिओम ने बात की, उन्होंने कहा कि जेेएनयू एक ऐसी जगह है जहाँ विचारों को जगह मिलती है। आप वहाँ किसी भी क्षेत्र के बारे में जानकारी लेकर काम कर सकते है। जेएनयू में आज के हालात के बारे में आगे हरिओम कहते है मैनें 20 साल पहले वहां पढ़ाई की थी। अब में और तब में काफी बदलाव हुआ है।   डॉ हरिओम ने इंडिया वेव से बताया कि वो आज कल कुछ गजलें लिख रहे है। साथ ही उन्होंने बताया कि वो कैलाश यात्रा भी लिख रहे है।

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