केंद्र ने तैयार किया लेबर कोड का ड्राफ्ट, पीएफ-पेंशन के लिए कर्मचारी खुद करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

अब प्रोविडेंट फंड (पीएफ) और पेंशन समेत बाकी सामाजिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों को कंपनी का मोहताज नहीं रहना पड़ेगा। अगर कंपनी एक तय समय के अंदर पीएफ और पेंशन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराती तो कर्मचारी खुद अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेगा। केंद्र सरकार लेबर कोड ऑन सोशल सिक्युरिटी, 2018 के तहत यह सुविधा कर्मचारियों को मुहैया कराएगी।
केंद्र सरकार ने लेबर कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2018 का मसौदा तैयार कर लिया है। लेबर कोड में 50 करोड़ कर्मचारियों को सोशल सिक्युरिटी मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है। इस मसौदे पर स्टेकहोल्डर्स का सुझाव जानने के बाद सरकार इसे संसद में पेश करेगी।
कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेदारी एम्प्लॉयर की
कोड के मसौदे के मुताबिक, सोशल सिक्युरिटी के लिए एम्प्लॉई का रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेदारी एम्प्लॉयर (कंपनी) की है। अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी का एक तय वक्त के अंदर सोशल सिक्युरिटी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराता तो उस पर पेनाल्टी लगेगी। अगर तय समय में कंपनी कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराती तो एम्प्लॉई को यह सुविधा दी जाएगी कि वह कोड के तहत खुद की सोशल सिक्युरिटी के लिए रजिस्टर करा सके। यह सुविधा संगठित क्षेत्र ओर गैर-संगठित क्षेत्र दोनों सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगी।

कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
कोड के मसौदे के तहत एक यूनिवर्सल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बनाया जाएगा। इस सिस्टम में सभी एक्टिव वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित होगा। रजिस्ट्रेशन आधार बेस्ड होगा। रजिस्ट्रेशन के तौर तरीके सेंट्रल बोर्ड तय करेगा। इसके अलावा फील्ड में रजिस्ट्रेशन का काम लोकल बॉडीज जैसे ग्राम पंचायत और म्युनिसिपल बॉडीज करेंगी। इसके अलावा कोड में यह प्रावधान भी है कि स्टेट बोर्ड वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन की सुविधा मुहैया कराने के लिए फैसिलिटेशन सेंटर मुहैया कराएं। वे यह काम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप-पीपीपी मॉडल) पर भी कर सकेंगे।
अभी क्या होता है?
मौजूदा समय में सिर्फ संगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स को ईपीएफ एक्ट के तहत पीएफ और पेंशन की सुविधा मिलती है। ईपीएफ एक्ट के दायरे में आने वाली कंपनियां या संस्थान अपने वर्कर्स का पीएफ ओर पेंशन अकाउंट खुलवाते हैं। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन वर्कर्स खुद को पीएफ और पेंशन के लिए ईपीएफओ के पास रजिस्टर नहीं करा सकते।
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