अखाड़ों का शाही स्नान सम्पन्न, एक करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

विश्व के सबसे बड़े मेले कुम्भ की शुरुआत प्रयागराज में हो गई है। 49 दिनों तक चलने वाले कुम्भ मेले में मंगलवार को पहला शाही स्नान सम्पन्न हुआ। देश के 13 अखाड़ों में से 11 अखाड़ों के साधु-संतों ने संगम तट पर डुबकी लगाई। मेला प्रशासन के एक अनुमान के मुताबिक आज करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों ने स्नान किया। महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के संतों ने करीब 40 मिनट तक स्नान किया। इससे पहले शाही स्नान का पुण्य लाभ लेने के लिए लोगों का रेला रविवार देर रात से ही उमड़ पड़ा। शाही स्नान मंगलवार ब्रह्ममुहूर्त से शूरू हुआ। सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े सुबह तड़के 5:15 बजे निकले और उसके बाद शाही स्नान किया। इसके बाद बाकी के ग्यारह अखाड़े बारी-बारी से संगम पहुंचे।
दिव्य और भव्य कुम्भ की झलक
कुम्भ में इस बार 12 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मेले में करीब बीस लाख विदेशी सैलानियों के पहुंचने की भी उम्मीद है। इस बार के कुम्भ में भव्यता और दिव्यता दोनों की झलक नजर आ रही है। कुम्भ की तरंग में बहते साधु-संतों के रंग ढंग रोमांचित करने वाले हैं। कुम्भ मेले में हजारों संन्यासियों का जमघट लगा है। कोई सर में रुद्राक्ष का मुकुट पहने है, कोई अपना एक हाथ ऊपर किये राष्ट्र रक्षा के लिए तप कर रहा है। कोई एक टांग पर खड़े होकर अलक्षित सूर्य को अर्घ्य दे रहा है।

कड़ाके की सर्दी में संगम में आस्था की लगाई डुबकी
मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान के साथ ही प्रयागराज में कुम्भ का शंखनाद हो गया। कड़ाके की सर्दी में अलग-अलग अखाड़ों के साधु संगम में डुबकी लगा रहे हैं। हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें। उनके लिए कुम्भ ही उनके जीवन का सबसे बड़ा तीर्थ है। ऐसे में सालों बाद जब ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया। पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया।
शाही स्नान सम्पन्न
जूना, आवाहन और अग्नि अखाड़े जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में स्नान को निकले। सौकड़ों नागा साधु हरहर महादेव का जयकारा लगा रहे थे। शाही स्नान में जूना अखाड़े के साथ स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, नरेंद्रानंद सरस्वती मौजूद रहे।

हरहर महादेव के जयकारे से गूंज उठा प्रयागराज
महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन और अग्नि अखाड़े ने पूरी भव्यता के साथ शाही स्नान किया। मंगलवार भोर होने से पहले ही अखाड़ों ने स्नान की तैयारी शुरू की। नागा साधुओं ने तीन बजे से भस्म लगा कर श्रृंगार किया। ढोल नगाड़े बजे और हरहर महादेव के जयकारे लगे। सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल ने स्नान किया। दोनों अखाड़े एक साथ सुबह 5:15 बजे मेलाक्षेत्र छावनी से निकले। इसके बाद आनंद पीठाधीश्वर बलकानंद गिरि की अगुवाई में निरंजनी और आनंद अखाड़े ने स्नान किया। इसके बाद जूना, आवाहन और अग्नि अखाड़े जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में स्नान को निकले। सौकड़ों नागा साधु हरहर महादेव का जयकारा लगा रहे थे। शाही स्नान में जूना अखाड़े के साथ स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, नरेंद्रानंद सरस्वती मौजूद रहे।
किन्नर अखाड़ा भी स्नान के लिए पहुंचा
कुम्भ के इतिहास में पहली बार मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को महाकाल के उपासक किन्नर अखाड़े ने शाही स्नान किया। कुम्भ के पहले दिन किन्नर अखाड़े की प्रमुख लक्ष्मी नारायण ने भी शाही स्नान के लिए पहुंची।

एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि संगम स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हो गया। अनुमान है कि शाम तक लगभग सवा करोड़ से ज्यादा लोग स्नान करेंगे। कुम्भ के प्रथम शाही स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार दो बजे तक लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। अभी स्नान के लिए संगम की ओर भीड़ उमड़ ही रही है।
संगम स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हो गया। अनुमान है कि शाम तक लगभग सवा करोड़ लोग स्नान करेंगे।
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