कुंभ मेले में बिकेगा कैदियों का सामान, जेल में तैयार हो रहे प्रोडेक्ट

कुंभ मेले को लेकर जिस तरीके की ब्रॉण्डिग की जा रही है उस स्तर पर सरकार यहां पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को रिझाने में जुटी हुई है। तभी तो कुंभ मेले और जेल का आपस में कोई भी ताल्लुक नहीं हो सकता है, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने जेल को कुछ इस तरह से शामिल किया है। जेल में भी कुंभ मेले को लेकर तैयारियां चल रही है। अब यहां पर किस चीज की तैयारियां चल रही है इसके बारे में आप भी सोच रहे होंगे, तो आपको बताते हैं कि इस बार जेल से मेले में क्या आ रहा है? कुंभ मेले में इस बार जेल में कैदियों द्वारा बनाए गए सामान की बिक्री की जाएंगी। वैसे, इससे पहले के कुंभ मेलों में भी उनके उत्पादों की बिक्री की जाती रही है लेकिन इस बार ज्यादा संख्या में उत्पादन तैयार कराया जा रहा है। राज्य की जेलों में अभी से इस सामान का स्टॉक जमा करना शुरू दिया गया है।
नैनी केंद्रीय कारागार के डीआईजी बीआर वर्मा ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया, ‘इस बार नैनी जेल में 38 तरह के सामान को तैयार किया जा रहा है और इसकी बिक्री कुंभ मेले में की जाएंगी। पिछले कुंभ मेले में आगरा जेल का पेठा लोगों को खासा पसंद आया और करीब छह क्विंटल पेठा की बिक्री हुई थी, कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की अधिक मांग को देखते हुए इस बार अधिक उत्पादन कराया जा रहा है।’ उन्होंने बताया, ‘इस बार कुंभ मेले में आगरा जेल से पेठा, बेल्ट, जूते आदि मंगाए गए हैं, आजमगढ़ जेल से खिलौने, सीतापुर जेल से दरी और फतेहगढ़ जेल से गार्डेन अंब्रेला मंगाया गया है।’
यही नहीं वाराणसी जेल के कैदियों द्वारा तैयार पीतल का घंटा, लोटा, थाली और गिलास की भी मेले में भारी मांग रहती है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां पर बनने वाले सामान की गुणवत्ता अच्छी होती है इसी वजह से हमारे यहां का सामान ग्राहकों को पंसद आता है। अधिकारियों की माने तो दाम बाजार मूल्य से अपेक्षाकृत कम होते हैं। जिसकी वजह से लोगों अधिक आकर्षित होते हैं। उन्होंने कैदियों में सकारात्मक सुधार के लिए जेलों में उन्हें कई तरह के कामों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। नैनी जेल में ही कंबल फैक्ट्री, सिलाई और काष्ठ कला जैसे उद्योगों में करीब 1200 कैदी काम करते हैं।
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