"सड़कें बनाइए ही नहीं, उन्हें बचाइए भी"

सड़क बनाकर भूल जाना, पीडब्ल्यूडी विभाग की फितरत रही है। जब सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं या जल भराव के कारण सड़क उखड़ने लगती हैं, तब भी ध्यान नहीं दिया जाता। इस कारण जो सड़क पांच साल चलनी चाहिए, वह छह महीने में ही उखड़ जाती है। इस तरह की लापरवाही को पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अफसरों को कहा कि सड़क बनाइए ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा के भी प्रबंध कीजिए ताकि बार-बार इसे बनाने की जरूरत न पड़े।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने यह निर्देश उत्तर प्रदेश राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि विश्व की सर्वश्रेष्ठ तकनीक का प्रयोग करते हुए सड़कों का निर्माण कराया जाए। सड़कों का निर्माण गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए निर्धारित समय-सीमा में मानकों का शत-प्रतिशत पालन करते हुए कराया जाए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता की जांच मुख्यालय स्तर पर गठित टीम करेगी और रिपोर्ट सीधे उनको सौंपेगी।
बैठक में ओवर लोडिंग और जल भराव से सड़कों को होने वाले नुकसान का मुद्दा भी उठा। इसमें परिवहन विभाग और खनन विभाग के अफसरों को ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने के साथ ही सड़कों की बेहतर ड्रेनेज व्यवस्था पर काम करने को भी कहा गया।
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