देश के अन्य शहर भी अपनाएंगे इंदौरी स्वच्छता मॉडल, ये देश देंगे अनुदान
देश के सबसे साफ सुथरे शहर इंदौर से अब अन्य शहर और देश भी सीख लेंगे। साउथ ऑस्ट्रेलिया, रूस, जापान और अमेरिका ने इंदौर वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए अनुदान देने की पेशकश की है। इन देशों के प्रतिनिधियों ने महापौर और नगर निगम अफसरों से इस संबंध में अपनी बात रखी है।
संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) की आठवीं 'रीजनल 3 आर फोरम इन एशिया एंड द पेसिफिक' कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन बुधवार को महत्वाकांक्षी 'इंदौर घोषणा पत्र' जारी किया गया। इसके 11 संकल्पों को स्वीकृति भी मिल गई। बुधवार तक 17 देश और भारत के 16 शहर घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके थे। सबसे पहले इंदौर की महापौर ने इस पर हस्ताक्षर किया।
यूनाइटेड नेशंस के प्रतिनिधि सीआरसी मोहंती ने बताया कि 120 महापौरों और देशों के प्रतिनिधियों की सहमति से ड्राफ्ट बनाया गया। जो घोषणा-पत्र जारी किया गया है उसका पालन कैसे हो इस पर समय-समय पर चर्चा होती रहेगी और इसे इंदौर डिक्लेरेशन के नाम से जाना जाएगा। इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ ने कहा कि हम सब मिलकर थ्री-आर (कचरे को रिड्यूस, रिसाइकिल और रियूज करना) के सिद्धांतों की तरफ काम करेंगे।
इन देशों के पास हैं ये बेहतरीन तकनीक
जापान- वेस्ट टू एनर्जी और सूखे कचरे को अलग-अलग करने के लिए बेहतरीन तकनीक। मशीनें और तकनीक ज्यादा दक्ष और अच्छी गुणवत्ता वाली हैं।
अमेरिका-वेस्ट-टू-एनर्जी के क्षेत्र में महारत है। तकनीक और मशीनें कई देशों में इस्तेमाल हो रही हैं।
रूस- इनके पास वेस्ट सेग्रिगेशन की बेजोड़ मशीनें हैं। भारत के लिहाज से रूसी तकनीक और मशीनें इसलिए फायदे का सौदा हैं क्योंकि वह अन्य देशों की तुलना में काफी सस्ती तो हैं ही, साथ ही गुणवत्ता वाली हैं।
हालांकि इंदौर नगर निगम का मानना है कि वह किसी तरह की मशीनें और तकनीक नहीं खरीदेगा, बल्कि संबधित देशों को प्रोत्साहित करेगा कि इंदौर से जुड़ने की इच्छुक कंपनियां अपने उत्पादों, मशीनों और तकनीकों का प्रदर्शन इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में करें। इससे देश के दूसरे शहर उन्हें देख-समझ सकेंगे।
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