देश की पहली महिला IPS ऑफिसर, जिनके जिम्मे है CM की सुरक्षा

सुभासिनी शंकरन देश की पहली महिलाा IPS ऑफिसर हैं, जिन्हें आजाद भारत में किसी मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। इस बहादुर आईपीएस ऑफिसर के पास संवेदनशील असम के मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इस बड़ी जिम्मेदारी को लेकर सुभासिनी काफी खुश हैं, और इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करती हैं।
असम के मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल देश के एक संवेदनशील राज्य के मुख्यमंत्री हैं। जब उन्हें कहीं जाना होता है, तो पहले पुलिस की टीम लोकेशन सिक्योर करती है, आसपास के इलाकों की जांच करती है और जहां सीएम को आना होता है, वहां की सेफ्टी सिक्योर करती है। और जो टीम ये सब करती है, सुभासिनी उसे लीड करती हैं।
आसान नहीं है उनका काम
सुभासिनी ने बताया, मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी का काम आसान नहीं है। उनके रूट की जानकारी होना, बहुत ही नजदीक से सुरक्षा देने वालों के साथ कॉर्डिनेट करना, उनके गार्ड्स को निर्देश देना, ये एक फुल टाइम जॉब है। सुभासिनी दिन के 15 से 18 घंटे तक जॉब पर ही रहती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सुभासिनी के घर में कोई भी पुलिस बैकग्राउंड से नहीं है, इसके बावजूद वो इस मुकाम तक पहुंची हैं और अब उनके जिम्मे ऐसा काम है, जिसमें गलती की जरा भी गुंजाइश नहीं है।
सुभासिनी का पारिवारिक बैकग्राउंड
सुभासिनी तमिलनाडु के तंजावुर शहर की एक मध्यमवर्गीयर परिवार से आती हैं। उनके दादा एम. राजगोपालन ने 1950 में ‘मोटर इंडिया’ और ‘टेक्सटाइल मैगजीन’ के नाम से दो मैगजीन शुरू की थीं, जो आज भी पब्लिश होती हैं। 1980 में सुभासिनी के माता-पिता मुबंई आ गए थे। उनकी स्कूलिंग मुंबई में ही हुई और ग्रेजुएशन सेंट जेवियर्स से मास्टर्स और एमफिल के लिए सुभासिनी ने जेएनयू में एडमीशन लिया था। जेएनयू में रहकर ही उन्होंने IPS की तैयारी की, उनके पापा एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं, लेकिन इससे सुभासिनी के सपने पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
सुभासिनी बताती हैं, 'ये हर किसी के लिए नई बात थी। एक लड़की का सीएम की सुरक्षा में लगी टीम को लीड करना सबके लिए अजीब था, लेकिन लोगों ने धीरे-धीरे इसे स्वीकार कर लिया, जब उन्हें अहसास होता है कि सबको एक साथ एक ही टीम में काम करना है, तो उनका व्यवहार अच्छा हो जाता है।'
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