ISIS के चंगुल से छूटे भारतीय डॉक्टर राममूर्ति, PM मोदी को कहा- शुक्रिया

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भारत सरकार के प्रयास से लीबिया में भारतीय डॉक्टर के. राममूर्ति को खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के चंगुल से छुड़वा लिया गया है। भारत आने के बाद डॉक्टर राममूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए अजीत डोभाल और अन्य अधिकारियों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वह इसे कभी नहीं भूल सकते हैं।
सर्जरी करवाने के लिए ISIS ने किया था अगवा
आपको बता दें, डॉ. राममूर्ति को करीब 18 महीने पहले लीबिया में आईएसआईएस आतंकियों ने अगवा कर लिया था। आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के रहने वाले डॉ. राममूर्ति ने आईएसआईएस के चंगुल से छूटने के बाद अपनी आपबीती बताई कि आतंकी उन्हें जबरन ऑपरेशन थियेटर में ले जाते थे। ऑपरेशन थिएटर में उन्हें जबरदस्ती सर्जरी करने के लिए फोर्स किया जाता था। डॉ. राममूर्ति ने बताया कि उन्होंने ना तो कभी किसी आतंकी की सर्जरी की और ना ही कभी किसी को टांके लगाए।
डॉ. राममूर्ति ने बताया कि जब वह कैंप में काम कर रहे थे तो 10 दिनों के भीतर आईएस आतंकियों ने उन्हें हाथ और पैरों में तीन गोलियां मारी थीं। डॉ. राममूर्ति ने बताया कि 'रमजान के समय कुछ आईएस आतंकियों ने मुझसे मदद मांगी। मेरे इनकार करने पर वह जबरदस्ती मुझे उठाकर ले गए।'
अंडरग्राउंड जेल में रखा गया
उन्होंने आगे बताया, 'मुझे सबसे पहले सिरटे शहर की जेल ले जाया गया। इसके बाद वे मुझे एक अंडरग्राउंड जेल में ले गए, वहां मैं तुर्की के लोगों से और दो अन्य भारतीयों से मिला। वहां आईएस के लोगों ने मुझे इस्लाम और इसके नियमों के बारे में बताया। इसके बाद वहां लोगों ने नमाज पढ़नी सिखाई और वजू करना सिखाया। दो महीने तक यही सब चलता रहा।
आईएस आतंकी देते थे गालियां
आईएस आतंकियों ने कभी उनके साथ मारपीट नहीं की लेकिन वे लोग उन्हें खूब गालियां देते थे। कुछ आतंकी पढ़े-लिखे थे और भारत के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। डॉ. राममूर्ति ने आगे कहा कि आईएस लड़ाके उन्हें जबरन वो वीडियो दिखाते थे जो उन्होंने सीरिया , नाईजीरिया और अन्य देशों में किया था। डॉ. राममूर्ति ने कहा, 'आईएस आतंकी सोचते थे कि मैं एक डॉक्टर हूं और एक न एक दिन जरूर उनके काम आ जाऊंगा। इसलिए उन्होंने मुझे जिंदा रखा, शायद इसलिए मैं बच भी गया।
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