यूपी में अप्रैल से शुरू होंगे इंक्यूबेशन सेंटर

प्रदेश में अप्रैल के बाद खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े 14 इंक्यूबेशन सेंटर शुरू हो जाएंगे। सेंटरों का निर्माण पूरा होने के बाद मशीने लगाई जा रही हैं। इन सेंटरों में करीब 15 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा। किसान और स्वयं सहायता समूह कम लागत में अपना कारोबार शुरू कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अनुसार, राज्य सरकार ने 10,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कार्यशील पूंजी और छोटे औजारों की खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। यह राशि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदान की गई है। यह कदम न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उनकी उद्यमशीलता को भी बढ़ावा दे रहा है।

46,897 उद्यमियों का किया गया पंजीकरण
पीएम एफएमई योजना के तहत एमआईएस वेब पोर्टल पर अब तक 46,897 उद्यमियों का पंजीकरण किया गया है। इनमें से 32,176 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से बैंक द्वारा 13,933 परियोजनाओं को ऋण स्वीकृत किया गया है। इन परियोजनाओं को 3 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दी गई है।

लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश
इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। यह निवेश ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहा है।

स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान 
इन्क्यूबेशन सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर न केवल उत्पादन को बढ़ावा देंगे, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों ने प्रदेश को एक ऐसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है, जहां स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।

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