
कृषि विभाग ने प्रदेश में फसल उत्पादकता के अंतर को पाटते हुए वर्ष 2027 तक प्रति हेक्टेयर खाद्यान उत्पादन को हरियाणा के बराबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को राज्यस्तरीय रबी-गोष्ठि 2024 में प्रदेश के किसानों से इस लक्ष्य को साझा करते हुए उन्हें परंपरागत खेती से उबरने और समय से बुवाई करने का संकल्प दिलाया। उन्होने कहा कि खाद्यान उत्पादन में तो उत्तर प्रदेश अग्रणी है लेकिन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में हम हरियाणा जैसे राज्यों से काफी पीछे हैं। हरियाणा की औसत फसल उत्पादकता उत्तर प्रदेश से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक है। कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा में रबी के दौरान 25 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच 85 प्रतिशत खेती का लक्ष्य पूरा कर लिया जाता है हमें भी समय से बुवाई पर ध्यान देना है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में फसल उत्पादकता के अंतर को किसानों से साझा करते हुए कहा कि मैनपुरी में प्रति हेक्टेयर 25 क्विंटल चना का उत्पादन होता है जबकि रायबरेली में महज 10.15 क्विंटल। प्रति हेक्टेयर करीब 15 क्विंटल कि कमी से किसानों को करीब 75 हजार रुपए का नुकसान होता है। हमें इस अंतर को पाटना होगा। उन्होने किसानों को दलहन और तिलहन की खेती पर ज़ोर देने की नसीहत दी। कहा देश में प्रति वर्ष करीब 1.5-2.0 लाख करोड़ रुपए का तेल आयात किया जाता है। कृषि मंत्री ने हाल ही में कैबिनेट से स्वीक्रत यूपी एग्रीज़ योजना का जिक्र करते हुए बताया कि विश्व बैंक के सहयोग से प्रदेश के 28 जिलों में यह योजना संचालित की जाएगी। किसानों की आय बढ़ाने के लिए मार्केट लिंकेज की भी व्यवस्था की जाएगी। उद्यान राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने किसानों परंपरागत खेती के साथ-साथ व्यावसायिक खेती करने का सुझाव दिया।