
गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया है। मौसम विज्ञानी बता रहे हैं कि जून की गर्मी ने पिछले 65 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। तापमान 44.2 डिग्री पहुंच गया है। हाल फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि समय रहते पेड़ों का कटान और ग्लोबल वार्मिंग कम नहीं हुआ तो भविष्य में हालात और भयावह होंगे। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। जून के महीने में अधिकतम तापमान सामान्य 38 डिग्री होना चाहिए, लेकिन सामान्य से 6 डिग्री तापमान ऊपर चल रहा है।
यह हैं गर्मी बढ़ने के मुख्य कारण
-मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ पहाड़ों पर भी बारिश का कम होना
-लगातार पेड़ों का कटान होना और नए पेड कम लगाना
-वाहनों का दबाव बढ़ने से प्रदूषण बढ़ा
-गर्मी में एसी का असर भी सबसे ज्यादा दिखता है।
फसलों को अधिक नुकसान
-मार्च से जुलाई तक भीषण गर्मी के बीच बारिश की जरूरत ज्यादा होती है।
-बारिश न होने से किसानों को हरा, धान, ईंख की फसल को अधिक पानी देना पड़ता है।
– ट्यूबवेल से होने वाली सिंचाई से ज्यादा बारिश का पानी अच्छा माना गया है।
अच्छी बारिश के आसार
मौसम वैज्ञानिक यूपी शाही का कहना है कि पिछले पांच छह दशक में ऐसी गर्मी जून में नहीं देखी गई है। इस बार मानसून अच्छा है तो मानसून के आने से ही राहत मिलने के आसार है। कृषि वैज्ञानिक आरएस सेंगर ने कहा कि अब साल दर साल मौसम का पैटर्न बदलने से ये हालात हो रहे हैं। तापमान 45 तक पहुंच रहा है। आने वाले समय के लिए भी अच्छा संकेत नहीं हैं। गर्मी इस बार सारे रिकार्ड तोड़ रही है।