मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत विज्ञान कि भाषा है जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है। संस्कृत कि विशेषताएँ इसे तकनीकी रूप से सरल और सहज बनती हैं। इसीलिए हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके तहत प्रदेश भर में गुरुकुल पद्धत्ति के विध्यालयों को फिर शुरू करने कि तैयारी है। निःशुल्क भोजन-छात्रावास की व्यवस्था कराने वाले मठ-मंदिर और आश्रमों को अनुदान दिया जाएगा। शोध करने वालों को तीन साल तक छात्रव्रत्ति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने रविवार को समुर्णानन्द संस्कृत विव्श्विद्यालय के दीक्षांत मंडप से प्रदेश के संस्कृत के 69195 विध्यार्थियों को छात्रव्रत्ति दी। संस्कृत छात्रव्रत्ति वितरण समारोह में योगी ने घोषणा की कि गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी। ऐसे संस्थानों को आचार्यों कि नियुक्ति में स्वतन्त्रता दी जाएगी। निःशुल्क भोजन, छात्रावास कि व्यवस्था करने वाले मठ मंदिर और आश्रम को संस्कृत विध्यालय की मान्यता दी जाएगी। अनुदान भी मिलेगा। योगी ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि संस्कृत महाविध्यालयों में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा।
जब तक स्थायी शिक्षक नहीं मिल जाते तब तक मानदेय वाले शिक्षकों कि नियुक्ति की जाएगी। उन्होने कहा कि संस्कृत को केवल धार्मिक भाषा न मानें। यह विज्ञान तकनीकी और समाज की तमाम समस्याओं को सुलझाने का एक सशक्त माध्यम है।
सभी विद्यार्थियों का खुले बैंक अकाउंट
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए कहा कि पहले संस्कृत के केवल 300 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, उसमें भी आयु सीमा तय करके रखा गया था, लेकिन अब हमारी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके।
संस्कृत में विशिष्ट शोध को बढ़ावा दे रही सरकार
संस्कृत भाषा को और अधिक बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत के विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित कर रही है। इस केंद्र में शोध करने वाले छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक चिंता किए बिना अपने शोध को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और भारत का समय आ गया है। भारत के समय को नेतृत्व देने के लिए संस्कृत विद्यार्थियों को स्वयं को तैयार करना होगा।