शहीदों के बच्चों को पढ़ाएगी सरकार, 10 लाख रुपये तक का होगा बजट

देश की सेवा में शहीद होने वाले जवानों के बच्चों को पढ़ाने में अब सरकार मदद करेगी। शहीदों के बच्चों को शिक्षा के लिए साल में अधिकतम दस लाख रुपये तक की सहायता मिल सकेगी।
सेना के इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है। जल्द इस बारे में आदेश जारी होने की संभावना है। सैनिकों के बच्चों की शिक्षा पर खर्च की 10 हजार की सीमा रक्षा मंत्रालय द्वारा खत्म किये जाने के एक माह बाद सेना इसके लिए सीमा तय करने पर विचार किया है।
बता दें कि शहीद होने वाले वीर सैनिकों के बच्चों को स्कूल से लेकर पेशेवर शिक्षा तक के लिए फीस और हॉस्टल खर्च की सुविधा मिलती है। सातवें वेतन आयोग से पहले तक इस खर्च की कोई सीमा नहीं थी जो भी वास्तविक राशि होती थी, वह मिल जाती थी। लेकिन सातवें वेतन आयोग ने इसे अधिकतम दस हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया था, जिसे पिछले साल लागू भी कर दिया था लेकिन इस फैसले का विरोध हुआ था। पिछले हफ्ते आर्मी कमांडरों की बैठक में एजुकेशन फीस के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके बाद यह सीमा प्रति वर्ष 10 लाख रुपये किये जाने पर विचार किया गया।
यह राशि देश में किसी भी प्रोफेशनल कॉलेज में पढ़ाई के खर्च के लिए पर्याप्त होगी। इस फैसले से शहीदों के बच्चों को खासतौर पर पेशेवर शिक्षा लेने में आसानी होगी क्योंकि मेडिकल प्रबंधन आदि कॉलेजों में फीस महंगी है। अभी करीब शहीदों के करीब साढ़े तीन हजार बच्चे इस योजना के तहत लाभ ले रहे हैं। इस फैसले का फायदा तीनों सेनाओं के शहीदों को बच्चों को मिलेगा।
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