उच्च शिक्षा के लिए नियामक संस्था बनाएगी सरकार

मोदी सरकार हायर एजुकेशन के मामले में एक नया कदम उठाने जा रही है। सरकार देश में हायर एजुकेशन के लिए एक नई संस्था के गठन के लिए बिल लाने जा रही है। इस बिल का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है।
बिल के ड्राफ्ट 'हायर एजुकेशन इवेल्युएशन ऐंड रेग्युलेशन अथॉरिटी, 2018 (HEERA) के मुताबिक, एक बार नया रेग्युलेटर बन जाने के बाद अभी काम कर रही नियामक संस्थाएं जैसे यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC), ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) और नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (NCTE) को खत्म कर दिया जाएगा।
इस ड्राफ्ट बिल में बताया गया है कि नया रेग्युलेटर केवल ऐकडेमिक स्टैंडर्ड की व्याख्या नहीं करेगा बल्कि यह इंस्टिट्यूट का मार्गदर्शन करेगा। बिल में यह भी प्रावधान होगा कि किसी इंस्टीट्यूट द्वारा नियमों का फालन नहीं करने पर हीरा के पास उस संस्थान की मान्यता रद्द करने का भी अधिकार होगा। सरकार में इस बिल पर चर्चा पूरी हो गई है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जांचा जा रहा है।
इस बिल के मुताबिक, नई नियामक संस्था एजुकेशन इंस्टीट्यू्ट्स के लिए क्वॉलिटी स्टैंडर्ड का निर्धारण करेगी जिसमें इंस्टीट्यूट की परफॉर्मेंस का हर साल इवेल्युएशन होगा। सूत्रों के मुताबिक, ऐकडेमिक स्टैंडर्ड्स के लिए यूजीसी द्वारा बनाई गई कई कमिटियों की अनुशंसाओं को भी HEERA में शामिल किया जाएगा। यूजीसी से उलट HEERA ऐसे इंस्टिट्यूट्स का ट्रेनिंग और मार्गदर्शन भी करेगा जो निर्धारित स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। HEERA के स्टैंडर्ड को पूरा करने पर ही किसी इंस्टिट्यूट को केंद्र या राज्य सरकारों से मिलने वाले फंड मिल सकेंगे।
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