पासपोर्ट बनवाना हुआ और आसान, बर्थ सर्टिफिकेट की जगह लगा सकते हैं ये...

केंद्र सरकार ने पासपोर्ट बनवाने वालों के लिए मौजूदा नियमों में राहत दी है। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट हासिल करने की प्रक्रिया को और सरल बनाते हुए बर्थ सर्टिफिकेट की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
माता-पिता की जगह चल सकता है गुरु का नाम
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पासपोर्ट संबंधी नए नियमों की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा है कि संत और संन्यासी अपने माता-पिता की जगह अपने गुरु का नाम लिखकर पासपोर्ट की अर्जी दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए हालांकि उन्हें एक सार्वजनिक दस्तावेज दिखाना होगा जिसमें मतदाता परिचय पत्र (ईपीआईसी), पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि शामिल हैं जिसमें उनके गुरु का नाम उनके माता-पिता वाली जगह पर हो। सरकार ने आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि को भी स्वीकार करने की घोषणा की है।
इनको मिलेगा फायदा
इस छूट का फायदा साधु, संन्यासियों के अलावा सिंगल पैरेंट्स, अनाथ बच्चे और गोद लिए बच्चों को भी होगा। नए नियमों के अनुसार, अलग हो चुके कपल और तलाकशुदा लोगों के लिए पति-पत्नी का नाम लिखना जरूरी नहीं होगा। नए नियम नई जीवनशैली और पारिवारिक मान्यताओं को दर्शाते हैं।
बर्थ सर्टिफिकेट के बदले क्या लगा सकते हैं?
सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट न लगाने की छूट देते हुए उसकी जगह इन डाक्यूमेंट्स को लगाने की अनुमति दी है। इसमें स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आखिरी शिक्षा का सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, डीएम से लिया सर्टिफिकेट, वोटर कार्ड, पॉलिसी और बॉन्ड्स के कागजों को मान्यता दी है।
पासपोर्ट कानून 1980 में संशोधन पर विचार
बीते साल 2016 में करीब एक करोड़ बीस लाख लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। सरकार पासपोर्ट पाने की प्रक्रिया को और आसान बनाने केलिए पासपोर्ट कानून 1980 में भी व्यापक स्तर पर संशोधन पर विचार कर रही है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
