पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र नहीं होने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा 2024 और समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारम्भिक परीक्षा 2023 दो दिन कराने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों के एक समान मूल्यांकन के लिए आयोग ने प्रसामान्यीकरण (नार्मलाइजेशन) लागू करने का निर्णय लिया है।
पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा 7 व 8 दिसंबर को 41 जिलों में दो सत्रों में सुबह 9.30 से 11.30 व दोपहर 2.30 से 4.30 बजे होगी। इसके अलावा आरओ/एआरओ प्रारम्भिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को तीन पालियों में होगी। 22 दिसंबर को पहली पाली की परीक्षा सुबह 9 से 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा 2.30 से 5.30 और 23 दिसंबर को तीसरी पाली की परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक होगी। पीसीएस परीक्षा के लिए 575154 अभ्यर्थी व आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। शासन की ओर से 19 जून 2024 को आदेश जारी किया गया था की एक पाली में अधिकतम पांच लाख अभ्यर्थी हो। इससे अधिक परीक्षार्थी होने पर कई पालियों में परीक्षा कराई जाए।
पहली बार दो दिन होगी दोनों परीक्षाएं
इससे पहले पीसीएस और एआरओ/आरओ परीक्षाएं एक ही दिन में करा ली जाती थी और परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी अभ्यर्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते थे। ऐसे में एक समान मूल्यांकन की अलग से कोई जरूरत नहीं पड़ती थी। पहली बार परीक्षाएं दो दिन में होंगी इसलिए आयोग को नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी।
एक दिन की परीक्षा के लिए अभियान में ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल
पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा एक दिन में कराए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अभियान चलाया गया जिसमें तकरीबन ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। एक्स पर यह अभियान देश में नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा। शाम को मंफोर्डगंज में हुई सभा में अभ्यर्थियों ने 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के घेराव का निर्णय लिया। अभ्यर्थी एक ही मांग पर अड़े हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारम्भिक परीक्षा एक ही दिन कराई जाए। एक्स पर हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट नाम से चलाए गए अभियान को 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने समर्थन दिया।
आयोग का दावा मेरिट पर नहीं पड़ेगा असर
यूपीपीएससी ने दावा किया है कि नर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पूरो तरह से पारदर्शी होगी और इससे मेरिट प्रभावित नहीं होगी। पर्सेंटाइल स्कोर की गिनती दशमलव के बाद छह अंकों तक की जा सकेगी। सचिव के अनुसार वैसे तो कई राज्यों को पीसीएस परीक्षाओं और अन्य परीक्षाओं में इसी फार्मूले के आधार पर मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई गई है और यह फार्मूला पूरी तरह से सही है। इसके बावजूद आयोग ने अपने स्तर से कई चरणों में विशेषज्ञों से इसकी जांच कराई है। इसके लिए आयोग ने लब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की जिसकी अनुशंसा पर यह व्यवस्था लागू की गई।