मुबंई पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए शुरू किया 'हॉर्न व्रत'

ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। लगातार बढ़ती गाड़ियों के साथ ये प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए मुंबई पुलिस ने एक नई पहल शुरू की है।
महाराष्ट्र राज्य परिवहन विभाग ने आवाज फाउंडेशन, मुंबई पुलिस और ऑटो रिक्शा यूनियन के साथ मिलकर ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए एक अनोखी तरकीब निकाली है। इसके
तहत ये सभी संगठन लोगों से अपील कर रहे हैं कि जितना संभव हो हॉर्न बजाने से बचें। इस पहल को 'हॉर्न व्रत' नाम दिया गया है और लोगों को हॉर्न व्रत रखने यानी हॉर्न ना बजाने के लिए कहा जा रहा है।
हॉर्न से होने वाले नुकसानों के बारे में बताने के लिए ऑटो रिक्शा में हजारों हॉर्न बांधकर यात्रा निकाली गई। इस ऑटो पर लिखा गया कि मुंबई के लोग एक घंटे में 1,80,00,000 बार हॉर्न बजाते हैं। इसके अलावा ऑटो पर हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में संदेश लिखकर हॉर्न ना बजाने की अपील की गई।
सामान्य इंसान के लिए 30 से 40 डेसिबल की आवाज पर्याप्त होती है। गाड़ियों में लगे हॉर्न से कम से कम 100 डेसिबल की आवाज निकलती है, ऐसे में यह आवाज इंसान के कान के लिए काफी हानिकारक है। मुंबई पुलिस और आवाज फाउंडेशन ने एक कोशिश की है कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए।
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