पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों पर दिखने को लगा है। प्रदेश की ज्यादातर नदिया उफान पर बह रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। आंकड़ों के मुताबिक यूपी के 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यही नहीं पिछले 24 घंटों में वज्रपात और बारिश की वजह से हुए हादसों में 19 लोगों की जानें जा चुकी हैं।
यूपी के राहत आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के कुल 12 जिले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बलिया के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
आकाशीय बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें प्रतापगढ़ में हुई है। प्रतापगढ़ में कुल 12 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है। जबकि चंदौली जिले में 6 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई। प्रयागराज और फतेहपुर जिले में चार-चार मौतें बिजली गिरने से हुई हैं। प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रदेश में शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती एवं क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
यूपी में अब तक 718 बाढ़ शरणालय, 923-बाढ़ चौकियां और 501 मेडिकल टीम गठित और स्थापित की गई हैं. प्रभावित जनपदों में राहत एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की तीन-तीन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की एक टीम तैनात है।
नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इसके साथ ही जिन इलाकों में पानी भर गया है वहां नावों का इंतज़ाम किया गया है और गोताखोर तैनात किए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों को राशन और दवाइयां बांटी जा रही हैं। प्रशासन का कहना है कि हालात पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन की टीम पूरी तरह से तैयार है।