यूपी में इनकाउंटर का खौफ, थाने में रात गुजार रहे अपराधी

राजधानी से सटे सीतापुर जनपद में योगी सरकार द्वारा अपराधियों को मार गिराने का खौफ इस कदर हावी हो गया कि अपराधी स्वयं लहरपुर कोतवाली में हर दिन शाम आकर हाजिरी लगाने लगे हैं। बदमाशों की हालत यह है कि अब वो अपनी रात पुलिस थानों में गुजारते हैं ताकि पुलिस को इत्मीनान हो जाए कि वे इलाके में होने वाले किसी भी अपराध में शामिल नहीं है। जिले के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने कहा कि लहरपुर कोतवाली में कई अपराधियों ने अपनी अटेंडेंस लगानी शुरु कर दी है। कुछ तो बकायदा रात में थाने में ही सोते हैं और हमें पुलिस इंवेस्टीगेशन में सहयोग भी दे रहे हैं। ये अपराधी शपथ भी ले रहे हैं कि अब किसी क्राइम में हिस्सा नहीं लेंगे और सामान्य नागरिक की जिंदगी गुजारेंगे।
शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे तक थाने में शरण
सीतापुर में लहरपुर के सीओ ने क्षेत्र के नामी बदमाशों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। जिसका नतीजा रहा कि अब स्वयं यहां पर आकर बदमाश अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। लहरपुर कोतवाली में 20 से अधिक लूट के मामले में नामजद नामी बदमाश रंजीत वर्मा द्वारा थाने में रात गुजारने का मामला सामने आया है। रंजीत कुमार अब खेती करके अपने बच्चों का भविष्य बनाना चाहता है। वहीं, रमुआपुर निवासी रामू, श्यामू, मूलचंद, निंबौरी निवासी श्रवण, बरेती जलालपुर निवासी अंकित, नेवादा निवासी झगड़ू, शफीक, छोटे, लवकुश नामक बदमाश भी शाम ढलते ही थाने की शरण ले लेते है। भविष्य में अपराध न करने का संकल्प लेने वाले सभी शातिर अपराधी न सिर्फ रोजाना थाने पर हाजिरी देते हैं, बल्कि उन्होंने अपराध से तौबा कर लिया है।
जेल से बाहर नहीं आने की लगा रहे अर्जी
उत्तर प्रदेश में इनकाउंटर का इस समय अपराधियों में इतना खौफ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जो अपराधी जेल में है, वह जेल में ही रहना चाहता है। वह जेल से बाहर आने के लिए अपनी जमानत नहीं कराना चाहता है, वहीं कुछ अपराधी जो कि अभी तक फरार चल रहे थे वे स्वयं या तो पुलिस को सरडेंर कर रहे है या फिर अदालत में आकर सरडेंर कर रहे हैं। बता दें कि पिछले साल सत्ता में आने के बाद से योगी सरकार में कुल 1240 एनकाउंटर्स हुए हैं, जिसमें 40 अपराधियों को मारा गया है और करीब 305 घायल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 142 वॉन्टेड अपराधियों ने राज्य में या राज्य के बाहर सरेंडर किया है। इसमें ऐसे अपराधी भी शामिल हैं, जिन के ऊपर पुलिस ने इनाम रखा हुआ था। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल 20 मार्च से लेकर फरवरी तक 2,956 गिरफ्तारियां हुई हैं। पुलिस ने अपराधियों की 147 करोड़ रुपये की 169 संपत्तियां सीज भी की हैं।
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