कानपुर। जो वाहन चालक कानपुर-लखनऊ राजमार्ग, उन्नाव-रायबरेली राजमार्ग, और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं, उन्हें फ़ास्टैग की नई केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य हो गया है। नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी वाहन मालिकों को 31 अक्टूबर 2024 तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह नियम विशेष रूप से उन फ़ास्टैग पर लागू होगा जो तीन से पाँच साल पहले जारी किए गए थे।
फ़ास्टैग नियमों में किए गए संशोधन
1 अगस्त 2024 से लागू किए गए नए नियमों का उद्देश्य टोल प्लाज़ा पर भीड़ को कम करना और फ़ास्टैग सेवा को और अधिक सटीक और सुरक्षित बनाना है। नए नियमों के तहत फ़ास्टैग की केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है, जिसमें वाहन मालिकों को फ़ास्टैग सेवा प्रदाताओं के पास जाकर जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
केवाईसी के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ और प्रक्रिया
फ़ास्टैग के लिए केवाईसी प्रक्रिया में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
- पाँच साल पुराने फ़ास्टैग: इन फ़ास्टैग का पूरी तरह से बदलाव किया जाएगा।
- तीन साल पुराने फ़ास्टैग: इनके लिए केवाईसी अपडेट कराना अनिवार्य होगा।
- वाहन रजिस्ट्रेशन और चेचिस नंबर लिंक: फ़ास्टैग से वाहन रजिस्ट्रेशन और चेचिस नंबर को लिंक करना होगा।
- नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन: नई गाड़ी खरीदने के 90 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नंबर को फ़ास्टैग से लिंक करना आवश्यक होगा।
- डेटाबेस वेरीफिकेशन: फ़ास्टैग सेवा प्रदाताओं को अपने डेटाबेस की वेरीफिकेशन करनी होगी।
- वाहन की तस्वीरें: कार के आगे और साइड की साफ तस्वीरें अपलोड करनी होंगी।
- मोबाइल नंबर से लिंक: फ़ास्टैग को मोबाइल नंबर से लिंक करना भी अनिवार्य है।
समय सीमा और ज़रूरी कदम
31 अक्टूबर 2024 तक सभी वाहन मालिकों को अपने फ़ास्टैग के लिए केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिन वाहन मालिकों के फ़ास्टैग तीन से पाँच साल पुराने हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस प्रक्रिया के तहत वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर, चेचिस नंबर, और अन्य आवश्यक जानकारी फ़ास्टैग से लिंक करनी होगी।
फ़ास्टैग सेवा प्रदाताओं की भूमिका
फ़ास्टैग सेवा प्रदाताओं को भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्हें अपने डेटाबेस की वेरीफिकेशन कर सभी आवश्यक बदलावों को लागू करना होगा। यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी ताकि वाहन मालिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
फ़ास्टैग के नियमों में किए गए इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य टोल प्लाज़ा पर भीड़ को कम करना और डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना है। वाहन मालिकों के लिए यह जरूरी है कि वे समय पर अपनी केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।