
यूपी एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइजेज़ इकोसिस्टम स्ट्रेथ्निंग परियोजना से प्रदेश की उत्पादकता में 30 फीसदी से ज्यादा तक बढ़ोतरी होगी। किसानों को उपज का भरपूर मूल्य मिलेगा तो कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद आदि के उत्पादन में देश में शीर्ष पर है। योगी ने कहा कि देश के सब्जी उत्पादन में 15% और फल उत्पादन में 11% हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की करीब 17% जनसंख्या रहती है, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 23% से अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के खाद्यान्न निर्यात में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। ऐसे में यूपी एग्रीज परियोजना प्रदेश के निर्यात की संभावनाओं को आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कहा कि यह किसानों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी शुरुआत है. 4 हजार करोड़ रुपये की यूपी एग्रीज परियोजना के लिए 2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से मिला है, जबकि राज्य सरकार ने 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान किया है।
6 वर्ष की होगी यह परियोजना
परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना, फसल तैयार होने के बाद प्रबंधन और बाजार समर्थन प्रणाली को विकसित करना है। इसके पहले चरण में राज्य के आठ संभागों (कमिश्नरी) के 28 जनपद चुने गये हैं। यह परियोजना 6 वर्ष की होगी। इसकी शुरुआत 2024-25 से होगी और यह 2029-30 तक चलेगी।