प्रदेश में कई स्थानों पर किसानों को गलत बिल थमा दिया गया है। इस बिल को सुधारने के लिए विभागीय अधिकारी भी पत्राचार कर रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि किसान मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। यह खुलासा हुआ है उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में।
प्रदेश भर से जुड़े किसानों ने आरोप लगाया कि वे विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। फीरोजाबाद के किसान ने पत्र दिखाते हुए बताया कि उनके क्षेत्र के अधिशशी अभियंता ने खुद विभाग के आला अफसरों को पत्र लिखा है कि काल्पनिक बकाया होने कि वजह से किसान पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। फर्रुखाबाद, अलीगढ, गाजीपुर, हाथरस, बलिया, प्रतापगढ़ व लखनऊ के किसानों ने भी वेबिनार में साक्ष्य भी दिए हैं कि बिजली कंपनियों की तरफ से भेजे गए बिल की राशि वास्तविक नहीं है। यही स्थिति अन्य स्थानों के किसानों ने भी बताई।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आश्वासन दिया कि कार्पोरेशन प्रबंधन से मांग की जाएगी कि ऐसी व्यवस्था बनाए ताकि किसानों कि बिल संबंधी गड़बड़ियों को तत्काल दुरुस्त किया जाए और किसान मुफ्त बिजली योजना का लाभ ले सके।
मालूम हो कि पावर कार्पोरेशन की ओर से निर्देश दिया गया कि 31 मार्च 2023 के पहले का बकाया जमा करने पर ही किसानों को एक अप्रेल 2023 से मुफ्त बिजली योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे में प्रदेश के करीब 15.72 लाख किसानों में अभी तक सिर्फ 8 लाख किसान ही शामिल हो पाये हैं। उन्होंने मांग की है कि किसानों के बकाया बिलों जांच कर वास्तविक बिल दिए जाएं, जिससे वह निशुल्क बिजली योजना के तहत पंजीकरण करवा सकें।
बता दें उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में मरम्मत के नाम पर बिना सूचना पांच घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। दिनभर लोग परेशान रहे। देर शाम बिजली आने पर लोगों ने राहत की सांस ली।