प्रदेश के कई ग्रामीण फीडरों को अब शहरी फीडर में बदला जाएगा। ऐसे में संबन्धित इलाके के उपभोक्ताओं को करीब 2 रुपये प्रति यूनिट मंहगी दर पर बिजली मिलेगी। पावर कार्पोरेशन के निदेशक मण्डल ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के निदेशक मण्डल की 14 जून को हुई बैठक में शहरीकरण के मुद्दे पर चर्चा हुई। तय किया गया की प्रदेश के विद्युत वितरण निगम अपने अपने क्षेत्र के उन क्षेत्रों को चिन्हित करें जहां शहरीकरण हुआ है। शहरीकरण के दायरे में आने वाले फीडर से जुड़े उपभोक्ता के विधयुत आपूर्ति का टाईप बदला जाए। ऐसे में जहां शहरीकरण के बाद भी अभी तक ग्रामीण फीडर के आधार पर बिजली बिल वसूला जा रहा है उसे बदल कर शहरी फीडर किया जाए। संबन्धित इलाके के उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिजली बिल वसूल किया जाए। पावर कारपोरेशन के इस फैसले से करीब 2 करोड़ 85 लाख विद्युत उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
पावर कार्पोरेशन की ओर से ग्रामीण फीडरों को शहरी फीडर में बदलने का प्रस्ताव पारित होते ही इसका विरोध शुरू हो गया है। उपभोक्ता परिषद ने पूरे मामले में नियामक आयोग में अवमानना याचिका दाखिल करने की तैयारी कर ली है।
सीएम से लगाई गुहार
शनिवार को उपभोक्ता परिषद की ओर से आयोजित वेबिनार में प्रदेशभर से जुड़े उपभोक्ताओं ने भी विरोध जताया। सभी ने एक स्वर से पूरे मामले में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजा गया है। उपभोक्ताओँ ने कहा कि नियामक आयोग के स्टैंडर्ड आफ परफार्मेंस रेगुलेशन 2019 का हवाला देकर ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में बदलने का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।