'अर्थशास्त्री चाहे जो कहें, नोटबंदी से अपराध दर में आई भारी कमी'

पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के फैसले के बाद एक तरफ जहां लोगों को नए नोटों की दिक्कत और कालेधन वालों पर नकेल कसी गई, उसके बाद एक खबर और आई है जो आपको सुकून दे सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक पी. के. दास ने सोमवार को कहा कि नोटबंदी से देश में अपराध दर में कमी आई है। दास ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर कितना हो-हल्ला हुआ। लेकिन अगर आप अपराध के ग्राफ को देखें तो अपराध दर पर पड़े प्रभाव को नजरअंदाज किया गया।
कश्मीर में बंद हुई पत्थरबाजी
उन्होंने कहा कि कश्मीर में अचानक पथरबाजी बंद हो गई और हाल ही में दोबारा शुरू हुई है। पूरे देश में अपराध की दरों में गिरावट दर्ज की गई है। देश में विकास पर इसके प्रभाव को लेकर अर्थशास्त्री चाहे जो कहें, नोटबंदी ने अपराध को लघु अवधि में काफी प्रभावित किया है। इसे स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।'
यहां रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) में आयोजित 19वें एशियन सिक्योरिटी कान्फ्रेंस में 'इकोनॉमिक्स ऑफ टेरर : द इंडियन एक्सप्रेस' विषय पर अपनी बात रख रहे थे। अवैध अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के बीच संबंध पर बोलते हुए दास ने कहा, 'बुरी अर्थव्यवस्था के कारण ही आतंकवाद पनपता है।'
आपराधिक संगठनों को वित्त की आपूर्ति बंद
वामपंथी चरमपंथियों द्वारा आर्थिक जरूरतों के लिए अवैध खनन के इस्तेमाल पर दास ने कहा कि अगर देश के खनन नक्शे को नक्सली चरमपंथियों के इलाके को दर्शाने वाले नक्शे पर रखें तो हम पाएंगे कि दोनों ही नक्शे एक हैं। अपराध पर लगाम लगाने के लिए मुद्रा के प्रवाह पर नियंत्रण की सलाह देते हुए दास ने कहा कि देश को रुपये और सोने के प्रवाह पर नियंत्रण लगाना होगा और आपराधिक संगठनों को वित्त की आपूर्ति बंद करनी होगी।
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