यूपी के 2286 युवाओं का दरोगा बनने का टूटा सपना, ट्रेनिंग के बाद बिना स्टार घर वापसी

कंधे पर स्टार की चमक पाने से महज चंद कदम दूर रहे उत्तर प्रदेश के हजारों युवाओं का सपना फिलहाल अभी साकार नहीं हो सका है। एक साल तक कठिन तपस्या करने के बाद भी इन लोगों को बिना स्टार के ही घर वापसी करनी पड़ रही है। ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षु को बगैर दरोगा (Trainee Sub Inspector) बने ही घर वापस आना पड़ा है।

हाईकोर्ट (High Court) का आदेश होने की वजह से कोई भी कुछ कह भी नहीं सकता है। प्रशिक्षु दरोगा (Trainee Sub Inspector) की भविष्य में वापसी होगी या फिर नहीं यह भी अभी तय नहीं है। बता दें इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 2016 में निकली दरोगा (Sub Inspector) भर्ती की परीक्षा को रद्द कर दिया है, इसकी वजह से 2707 युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है।

बिना सितारा लेकर अपने घर लौट रहे युवा

पुलिस ट्रेनिंग का हब मुरादाबाद पीटीसी (पुलिस ट्रेनिंग कालेज) के ग्राउंड से सोमवार को 664 प्रशिक्षु बगैर दरोगा (Sub Inspector) बने ही अपने घरों को वापस लौट गए। दरोगा (Sub Inspector) का स्टार लगाने से महज चंद कदम दूर ऐसे अभ्यर्थियों को अब अब बिना स्टार के ही वापस होना पड़ा है। पिछले एक साल से परेड ग्राउंड में अपना पसीना बहाने वाले युवा मन में मलाल और आंख में आंसू लेकर मुरादाबाद, मेरठ, सीतापुर, उन्नाव और मिर्जापुर पीटीसी सेंटर से वापस हुए हैं। 

मुरादाबाद पीटीसी के डीआईसी शिवशंकर सिंह ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश पर ही सूबे में विभिन्न पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में 23 जून 2019 को 2,286 दरोगा (Sub Inspector) का परीक्षण शुरू हुआ था। मुरादाबाद में प्रशिक्षु दरोगा (Sub Inspector) को इनडोर और आउटडोर प्रशिक्षण दिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इनकी वार्षिक परीक्षा और इंटरव्यू भी सम्पन्न हो गया था, सिर्फ इनकी पासिंग आउट परेड ही शेष रह गई थी। इन सबकी पासिंग डेट भी 22 जून लगभग तय हो गई थी, लेकिन इससे पहले ही केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आदेश आ गया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण निदेशालय से सोमवार को आदेश जारी करके अग्रिम आदेश तक परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि पूर्व में विभाग में कार्यरत सिपाहियों को मूल जगह पर ज्वाइन कराने का आदेश भी दे दिया गया है। 

जानें आखिर क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में 2707 पदों पर भर्ती के लिए दरोगा का रिजल्ट जारी किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की तरफ से जारी रिजल्ट को फरवरी 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने रद्द कर दिया था और राज्य सरकार (Uttar Pradesh) को चयनित अभ्यर्थियों की दोबारा सूची बनाने का आदेश दिया। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 11 सितंबर को 2019 को मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि भर्ती में 50 फीसदी अर्जित अंकों को योग्यता मापदंड माना जाएगा और जिन लोगों ने 50 फीसदी या उससे अधिक अंक अर्जित किये हैं उनकी मेरिट लिस्ट बनाई जाए और मेरिट लिस्ट बनाने में सामान्यीकरण नियम लागू किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government), उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) भर्ती बोर्ड और चयनित होने के बाद ट्रेनिंग कर रहे अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भर्ती को रद्द कर दिया है और अब इस मामले में 14 जुलाई को सुनवाई करेगा।

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