मालगाड़ी की स्पीड को चार गुना बढ़ा देगा रेलवे का ये ड्रीम प्रोजेक्ट

रेलवे के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के लिए 17,500 करोड़ रुपये के टेंडर मार्च में फाइनल होने जाएंगे। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण और जरूरी क्लीयरेंस का काम भी निपटा लिया गया है। कॉरिडोर के बनने से मालगाड़ियों की स्पीड चार गुना बढ़ जाएगी।
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक, प्रोजेक्ट में 1100 किमी के लिए सिविल कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे। कुल 81,459 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को में वेस्टर्न कॉरिडोर दिल्ली और मुंबई के बीच जबकि ईस्टर्न कॉरिडोर लुधियाना से हावड़ा के बीच होगा और गाड़ियां दिल्ली के रास्ते जाएंगी।
माल ढुलाई में आएगी तेजी
उन्होंने कहा कि वेस्टर्न कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित 17,500 करोड़ के टेंडर मार्च तक फाइनल कर लिए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट 2017 और 2019 के बीच दो फेज में पूरा होगा। इसके बनने से माल ढुलाई में तेजी आएगी। बता दें कि रेलवे वेस्टर्न कॉरिडोर दादरी से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट (1502 किमी) और ईस्टर्न कॉरिडोर लुधियाना से दंकुनी (पश्चिम बंगाल) (1840 किमी) के बीच बना रहा है। सिन्हा ने बताया कि वर्तमान में मालगाड़ियों की रफ्तार 25/26 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जो कि कॉरिडोर के बनने पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।वेस्टर्न कॉरिडोर के लिए जापान की इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) पैसा लगा रही है, जबकि ईस्टर्न कॉरिडोर के लिए वर्ल्ड बैंक से आर्थिक मदद ली गई है।
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