प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसानों को मिलने वाली है यह सुविधा
प्रदेश सरकार ने खेती-किसानी करने वाले लोगों को नई सहूलियत देने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने मंगलवार को विधेयक के मसौदे को मंगलवार को मंजूरी दे दी है। योगी सरकार ने निवेश परियोजनाओं के दूसरे शिलान्यास समारोह से पहले निवेशकों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और उद्योग के लिए खेती की जमीन लेने पर सीमा से अधिक जमीन आसानी से उपलब्ध कराने के फैसले पर मोहर लगा दी है। अब इस फैसले पर केंद्र के सुझावों से तैयार राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को विधानमंडल से इसी सत्र में पारित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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मिल सकती है 12.5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने की अनुमति
इस विधेयक को पिछले साल राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति को भेजा था। जिसके बाद केन्द्र सरकार ने इसकी विसंगितयां बदलने का सुझाव राज्य सरकार को भेजा था। इस विधेयक से गैर कृषि उपयोग के लिए निवेशकों को 12.5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने की अनुमति मिल सकेगी। साथ ही इससे शिक्षा, मेडिकल संस्थानों व विभिन्न उद्योगों के लिए जमीन की कमी का संकट दूर होगा। इससे पहले निवेशकों को कृषि उपयोग के लिए भी 12.5 एकड़ जमीन दिए जाने का प्रस्ताव था। अब इस विधेयक में कई संशोधन कर दिए गए हैं।
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क्या होती है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक तरह से पहले से तय किया हुआ सौदा है। जो किसानों और फर्मों या किसी संस्था के साथ होता है। इसमें पहले से ही फसलों की कीमत तय हो जाती है, साथ ही मुनाफे का प्रतिशत भी निर्धारित कर लिया जाता है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए जहां एक ओर किसानों को भी फायदा होता है, वहीं फर्म या उनसे जुड़ी संस्था भी मुनाफा कमा लेती है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कीमत पहले से निर्धारित हो जाती है, जिससे किसान नफा-नुकसान के झंझट से मुक्त हो जाता है। इससे किसानों को उनकी फसल के लिए एक बड़ा बाजार मिल जाता है। फसल के मूल्य भुगतान को लेकर भी कोई चिंता नहीं रह जाती।
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