सीएम योगी की अब भूमाफियाओं पर नजर टेढ़ी, किया ये अहम फैसला

प्रदेश सरकार ने सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले भूमाफिया के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। फैसले की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उनकी पार्टी के दृष्टि पत्र में एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स के गठन की बात कही गई थी।
इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि मथुरा में जवाहर बाग में तीन सौ एकड़ सरकारी जमीन पर शासन प्रशासन की नाक के नीचे और हाईकोर्ट की अवमानना करके कब्जा किया गया। सरकार की सुस्ती, लापरवाही, संवेदनहीनता के चलते इस मामले में दो जाबांज अधिकारी मुकुल द्विवेदी और संतोष यादव शहीद हो गए।
दो माह में होगी अवैध कब्जों की पहचान
उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, उन जमीनों और भूमाफिया को दो माह में सर्वे कराकर चिन्हित किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि कौन-कौन भूमाफिया है और उन्होंने शासन-प्रशासन की मदद से कहां-कहां जमीन कब्जा कर रखी है। ऐसे लोगों की सूची बनेगी जिसे जारी किया जाएगा। टास्क फोर्स राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी।
यह सुपरवाइजरी अथारिटी होगी। इसके अलावा मंडल स्तर पर कमिश्नर की अध्यक्षता में, जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में और तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है। इसमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे। टास्क फोर्स पारदर्शिता से काम करेगी। कब्जे वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।
यह टास्क फोर्स उन लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेगी जो निजी जमीनों पर दंबगई से अवैध कब्जा करते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर निष्क्रिय संबंधित थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शर्मा ने कहा कि तमाम लोगों ने हमारे फैसले की खबर सुनते ही कब्जा छोड़ना शुरू कर दिया होगा। जो कब्जा नहीं छोड़ेंगे, उन्हें शासन चिन्हित करके कार्रवाई करेगा। सरकारी जमीनों पर कब्जे की आन लाइन शिकायत की जा सकेगी। यह शिकायत फिलहाल जनसुनवाई डाट काम एनआईसीडाट इन पर होगी। अभी इसका अलग से पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
कब्जा करने वाला कोई भी हो छोड़ा नहीं जायेगा
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कब्जा करने वाले चाहे उनकी पार्टी के ही लोग क्यों न हों, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रमुख सचिव राजस्व अरविंद कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारियों का टास्क फोर्स अवैध कब्जे की जानकारी एकत्र करेगी। इसके बाद अधिकारियों से पूछा जाएगा कि किसने कब्जा किया और इसे हटाने में क्या दिक्कत है।
बड़े मामले मंडल और राज्य स्तर पर आएंगे। ग्राम पंचायत की जमीनों पर कब्जे की जानकारी लेखपाल से ली जाएगी। इसमें तालाबों और चारागाहों की जमीन पर कब्जे के मामले भी शामिल हैं। कब्जा करने वालों के खिलाफ राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। दो माह बाद कब्जे और कब्जेदारों के सही आंकड़े पता लगेंगे।
धर्म के नाम पर कब्जे पर भी रोक
कैबिनेट ने धर्म के नाम पर सार्वजनिक जमीनों पर कब्जे करने पर भी रोक लगा दी है। इस संबंध में कैबिनेट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसी भी धर्म का व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक जमीन पर कब्जा नहीं कर सकेगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कब्जा करने वाला चाहे किसी भी धर्म का हो। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का 2009 का आदेश है। जिसके क्रम में गृह विभाग का सर्कुलर भी है।
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