सफाई के लिए सीएम योगी ने थामी झाड़ू, अफसरों के कसे पेंच

स्वच्छता की सूची में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फिसड्डी साबित होने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं झाड़ू उठा ली है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सफाई अभियान को एक जनांदोलन का रूप दिया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को साफ सफाई की दिशा में गंभीर कदम उठाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जनांदोलन का रूप दिया जाएगा। अगले साल तक प्रदेश के 150 नगर ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किए जाएंगे। शहरी इलाकों में कूड़ा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गंदगी के लिए अखिलेश सरकार जिम्मेदार
स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक दिन पहले ही स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर देश के 434 शहरों की रैंकिंग में प्रदेश के शहरों के फिसड्डी रहने के लिए मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट तौर पर पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का कोई भी नगर ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) नहीं हैं। लक्ष्य की तुलना में मात्र आठ प्रतिशत शौचालय ही निर्मित हुए हैं। ओडीएफ हेतु निर्धारित धनराशि का मात्र 21 प्रतिशत ही खर्च हुआ है।
सफाई की जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री की
योगी ने कहा कि प्रभारी मंत्री का यह दायित्व होगा कि अपने जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का भी निरीक्षण करें। पॉलीथिन तथा प्लास्टिक का उपयोग बन्द किया जाए।
शादी-विवाह आदि आयोजनों में इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक की प्लेट एवं अन्य बर्तनों को नालियों में फेंकने की प्रवृत्ति को तत्काल बंद कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसे 1,685 गांवों को 15 मई, 2017 तक ओडीएफ घोषित किया जाना है। गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने में यह एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।
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