प्रदेश की आठ हज़ार न्याय पंचायतों में मुख्यमंत्री माडल कम्पोजीट स्कूल तैयार किए जाएंगे। 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले इन स्कूलों में पढ़ाई की अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। प्री-प्राइमरी से लेकर इंटर्मीडिएट तक की शिक्षा यहाँ दी जाएगी। अत्याधुनिक विज्ञान, एवं गणित लैब कम्प्युटर लैब व स्मार्ट क्लासइत्यादि की सुविधाएं इस विध्यालयों में दी जाएंगी। विद्यार्थियों को गरमा-गरम मिड-डे मिल खिलाने के लिए केंद्रीय रसोई घर भी बनाया जाएगा।
प्रत्येक जिले में सीएम माडल कम्पोजीट स्कूल बनाने के लिए जमीन को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि वे खाली भूमि को जल्द चिन्हित करें। 27 विध्यालयों की डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। यहां जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की जल निगम की निर्माण इकाई कंस्ट्रक्सन एंड डिजाइन सेर्विसेस, उत्तर प्रदेश आवास परिषद व उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम लिमिटेड इत्यादि को निर्देश दिये गए हैं कि तय समय पर अपना निर्माण कार्य पूरा करें। विध्यालय भवन भूकंपरोधी व ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज सिंह कि ओर से बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिये गए हैं कि वह विध्यालय निर्माण कार्यों की टीम बनाकर निगरानी करें।
मिड-डे मिल में छात्रों को मिलेगा डिब्बा बंद गज़क
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे 1.48 करोड़ छात्रों को 7 नवंबर से हर गुरुवार अतिरिक्त पोषाहार के वितरण की शुरुवात होगी। मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से सभी जिलों के छात्रों को डिब्बा बंद गज़क, गुड-मूनफली व तिल की चिक्की व बाजरे के लड़ू इत्यादि का ही वितिरान करने का निर्देश जारी किए गए हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की मुहर व एक्सपायरी तारीख को देखकर ही इन पोषाहारों का वितरण करना होगा।
मध्यान भोजन प्राधिकरण की निदेशक कंचन वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं की अतिरिक्त पोषाहार के वितरण में पर्याप्त सावधानी बरती जाए। खाद्य सामग्री का भंडारण उचित प्रकार से किया जाए, निर्धारित मानक के अनुसार खाध्य सामग्री का वितरण किया जाए। माँ समूहों व विधायल प्रबंधन समिति को इसके माध्यम से जानकारी डी जाए।