मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है की राज्य महिला आयोग व्रंदावन में रहने वाली निराश्रित महिलाओं की प्रतिभा को निखारकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं। आयोग भिक्षावृति की गतिविधियों से फसने बच्चों को मुक्त कराकर उनकी पढ़ाई, आवास की व्यवस्था कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के कार्य में भी प्रभावी योगदान दें।
नवगठित राज्य महिला आयोग की पदाधिकारियों के साथ मंगलवार को विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा की व्रंदावन में भारत सरकार के सहयोग से बने कृष्ण कुटीर और निराश्रित महिला केंद्र में रहने वाली इन महिलाओं से आयोग संवाद करें। शिक्षित हस्तशिल्प के हुनर और अन्य किसी विद्या की जानकार निराश्रित महिलाओं की क्षमता का सही उपयोग करने में महिला आयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही आयोग की अद्यक्ष बबिता चौहान के नेत्रत्व में कार्य योजना तैयार करने पर मंथन किया। योगी ने कहा की महिलाओं की सहायता के लिय विशेष हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए है। मुख्यमंत्री ने राज्य महिला आयोग के गठन की उद्देश्यों, दायित्वों, अधिकारों पर भी चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
उन्होने कहा की देश में नारी शक्ति वंदन अधिनियम प्रभावी होने जा रहा है। इसके माध्यम से लोकसभा और राज्य विधान सभाओं की कुल सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी। प्रदेश की महिलाओं को इसका वास्तविक लाभ मिलेगा। योगी ने कहा की आयोग की पदाधिकारियों को महिलाओं, अटल अवसीय विध्यालयों, कस्तूरबा विद्यालयों, आश्रम पद्दति विद्यालयों का निरीक्षण करना चाहिए। योगी ने कहा की 1090, 181 और 112 जैसी महत्वपूर्ण हेल्प लाइन को एकिक्रत किया जा चुका है। आयोग को 1090 का भ्रमण कर वहाँ आ रही समस्याओं को समझना चाहिए और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव भी देने चाहिए।