69000 शिक्षक भर्ती : कई सफेदपोशों के खोल सकता है राज नकल माफिया चंद्रमा यादव
'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' की कहावत यूपी की एसटीएफ (UP Special Task Force) पर बिल्कुल फीट बैठ रही है। चंद घंटों के अंदर अपराधियों को खोजने वाली पुलिस (UP Police) को नकलमाफियाओं को पकड़ने में एक दो दिन नहीं बल्कि महीनों लग रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुए फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह में शामिल रहे चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) की गिरफ्तारी करने में पुलिस (UP Police) को चार महीने लग गए है। अभी तक पुलिस (UP Police) की गिरफ्त में भट्ठा संचालक मायापति दूबे नहीं आया है। अभी तक पुलिस (UP Police) उन्हें गिरफ्तार भी नहीं कर पाई है। यूपी पुलिस भले ही अभी अन्य लोगों को गिरफ्तार न कर पाई हो, लेकिन चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) की गिरफ्तारी के बाद पुलिस (UP Police) को कई राज मिलने की उम्मीद है। चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) की गिरफ्तारी के बाद गई सफेदपोशों का भी नाम सामने आ सकता है।
69000 शिक्षक भर्ती: नकल माफिया चंद्रमा यादव गिरफ्तार, मायापति दूबे अभी भी फरार
बता दें, प्रयागराज का रहने वाला चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) वर्तमान में कैबिनेट मंत्री और प्रयागराज की एक सीट से विधायक का प्रतिनिधि रहा है। विधानसभा प्रतिनिधि रहने के दौरान उसने भर्तियों में जमकर घोटाला किया है। कई भर्तियों (69000 Assistant Teachers) के पेपर लीक कराने में इनका नाम भी शामिल रहा है। अब चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी होने के बाद कई सफेदपोशों का भी नाम आ सकता है।
हालांकि, चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) की गिरफ्तारी में जिस तरह से यूपी एसटीएफ (UP Special Task Force) से लापरवाही बरती है, उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस (UP Police) उससे कोई भी राज नहीं खुलवा पाएगी। वैसे, पुलिस (UP Police) ने चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) को गिरफ्तार करने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के अलावा अन्य लीक हुए पेपरों की भी छानबीन यूपी पुलिस (UP Police) कर रही है।
यूपी पुलिस (UP Police) को इस पूरे काण्ड में अन्य कई लोगों का हाथ होने का पूरा संदेह हैं। संदेह के आधार पर यूपी पुलिस (UP Police) पूर्व में टीईटी, सिपाही भर्ती, ग्राम सचिव भर्ती अन्य भर्तियों में लीक हुए पेपर की भी जांच कर रही है।
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...तो क्या मिले हुए कई सफेदपोश और अधिकारी
उत्तर प्रदेश में होने वाली भर्तियों में पेपर लीक कराने का खेल इस समय बहुत ही तेजी से चल रहा है। कोई भी भर्ती की होने वाली परीक्षा का पेपर पहले ही नकलमाफियाओं के हाथ में लग जा रहा है। यूपी एसटीएफ (UP Special Task Force) पेपर होने के कारण लीक होने की आशंका को लेकर कई जगहों पर छापेमारी भी करती है और कई लोगों को गिरफ्तार भी करती है।
वहीं, भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की शिकायत प्रतियोगी छात्र भी करते रहते हैं। उत्तर प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार बढ़ती लीक की घटनाएं पुलिस (UP Special Task Force) से लेकर सरकार तक के लिए चुनौती है। ऐसे में नकलमाफियाओं के साथ-साथ में इनको शह देने वाले सफेदफोशों का भी खुलासा करना बहुत जरूरी है। नकलमाफिया चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) की गिरफ्तारी होने के बाद अब उम्मीद है कि बड़े-बड़े नकलमाफियाओं की पोल खुल सकती है।
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इस तरह लीक होते हैं प्रतियोगी पेपर
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा में शामिल रहे चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) प्रयागराज से एक विधायक और यूपी सरकार (UP Govt) में कैबिनेट मंत्री का प्रतिनिधि भी रहा है। यूपी सरकार (UP Govt.) के मंत्री का प्रतिनिधि बनकर हर बार अपने स्कूल को सेंटर बनवा लेता था। प्रयागराज (Praygraj) के धूमनगंज क्षेत्र में पंचम लाल आश्रम इंटर कॉलेज में स्कूल का संचालक रहे प्रतियोगी छात्र का कई बार पेपर लीक कराने के मामले में नाम सामने आाय है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का पर्चा लीक होने के साथ में यूपी टीईटी (UP TET) की परीक्षा का भी पेपर लीक होने में इस स्कूल का नाम आ चुका है। वह अधिक से अधिक रुपया कमाने के चक्कर में ही नकलमाफिया और मास्टरमाइंड केएल पटेल (Dr. KL Patel) से जुड़ा था।
ऐसा कहा जा रहा है कि उसके स्कूल में परीक्षा केंद्र होने के कारण प्रश्रपत्र एक दिन पहले ही आ जाते थे। यहां पर बंद लिफाफों में आने वाले प्रश्नपत्रों की सील तोडक़र सबकी फोटो खींचकर वह व्हाट्सएप से सहयोगी ललित त्रिपाठी के माध्यम से डॉक्टर पटेल (Dr. KL Patel) तक पहुंचाता था। पर्चा लीक कराने के एवज में चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) को एक ही बार में 5 से 6 लाख रुपये बहुत ही आसानी से मिल जाते थे। चंद्रमा यादव (Chandrama Yadav) के स्कूल में नकल का खुलासा इसी साल जनवरी में हुई टीईटी परीक्षा (TET Exams) के दौरान हुआ था। टीईटी (TET) का पेपर आउट कराने के मामले में वह सैकड़ों मोबाइल संग गिरफ्तार किया गया था।
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