शिक्षा की राह आसान करने के लिए केन्द्र सरकार दस लाख छात्रों को देगी ऋण

उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार अगले तीन सालों में दस लाख विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण देने जा रही है। यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी। इस योजना के लिए 2020 तक 6600 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों में कम फीस में विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है। कई बार कुछ प्रतिभावान छात्र निजी विश्वविद्यालय से भी कोई अच्छा कोर्स करना चाहते हैं जो काफी महंगे होते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को सरकार की ओर से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण पर कोर्स की अवधि और उसके बाद एक वर्ष तक विद्यार्थियों से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। इस ब्याज का भुगतान सरकार करेगी। उन्होंने बताया कि वैसे यह योजना साल 2009 में शुरू की गई थी और 2009 से 14 तक हर साल 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 2014 से 17 के बीच इस योजना पर 1800 करोड़ रुपए हर साल खर्च किए गए। अब अगले तीन सालों में हर वर्ष 2200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि जिन परिवारों की आय 4.50 लाख रुपए प्रति साल से कम होगी, उनके बच्चे ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार ने इस बार अपने बजट में भी नर्सरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा व्यवस्था का एकीकरण करने की बात कही थी। इस योजना का लक्ष्य भी देश में प्री-नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की शिक्षा सुविधा सबको उपलब्ध कराने के लिए राज्यों की मदद करना है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मंत्री ने बताया कि इसके तहत अब छठी से कौशल विकास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 9वीं से 12वीं स्कूल में और कॉलेज में डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को 12वीं तक किया जाएगा और विशेष श्रेणी की लड़कियों को 200 रुपए हर माह स्कॉलरशिप दी जाएगी।
छठी से होगी कौशल विकास की पढ़ाई: एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च, 2020 के लिए नई एकीकृत शिक्षा योजना बनाने के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। प्रस्तावित योजना में, सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षण अभियान शामिल किए जाएंगे। योजना के लिए 75 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। यह राशि मौजूदा आबंटित राशि से 20 फीसद ज्यादा है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
