
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सम्बोधन में जब कहते थे कि सीता कितनी बार अग्निपरीक्षा देगी तो उनका संकेत इसी उपचुनाव की तरफ होता था। स्वयं सीएम ने ही मिल्कीपुर का छह बार दौरा किया और सरकार के सात मंत्रियों की टीम यहां डेरा डाले रही। विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक किसी पार्टी को रामनगरी में इतनी बाद जीत नहीं मिली थी।
एक कारण यह भी रहा कि लोकसभा में मिली जीत से उत्साहित सपा ने अवधेश प्रसाद को ‘अयोध्या का राजा’ ही बता दिया था। इस गर्वोक्ति का परिणाम यह रहा कि जनता ने सीधा संदेश दे दिया कि अयोध्या के राजा यानि अवधेश तो भगवान राम ही हैं कोई अन्य नहीं। इस उपचुनाव में एक ओर राम मंदिर, राष्ट्रवाद, अयोध्या का अभूतपूर्व विकास और हिन्दू समाज की एकता का ज्वार था।, दूसरी ओर पीडीए यानि पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक के गठजोड़ की चुनौती थी।
इस परिणाम से यह भी कह सकते हैं कि जनता ने पीडीए जैसे जातीय राजनीति के दांव को अस्वीकार कर दिया। अयोध्या से जुड़ी फैजाबाद संसदीय सीट पर मिली सफलता से उत्साहित सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस सीट से चुने गए अवधेश प्रसाद को लोकसभा में परिचय कराते हुए उन्हें अयोध्या का राजा बताया था।
सपा मुखिया की यह गर्वोक्ति उस समय भाजपा समर्थकों के जले पर नमक छिड़कने वाली थी। भगवा नीति-रीति के संवाहकों के लिए यह श्रीराम के अतिरिक्त अयोध्या का राजा किसी अन्य को बताया जाए। भाजपा के लिए यह जीत इतनी बड़ी है कि उसके सामने नौ उम्मीदवार थे लेकिन सपा को छोड़ कोई भी जमानत तक नहीं बचा सका।
चंद्र्भानु पासवान ने प्राप्त किए रिकार्ड वोट
चंद्रभानु पासवान ने 61710 मतों के अंतर से जिले में विधानसभा चुनाव इतिहास में सबसे बड़ी जीत प्राप्त कर कीर्तिमान रच दिया। उन्होने 146397 रिकार्ड मत प्राप्त किए। जिले में अब तक के विधानसभा चुनाव इतिहास में किसी उम्मीदवार ने इतने वोट नहीं प्राप्त किए थे। सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद को 84687 मतों से संतोष करना पड़ा। पासवान ने पहले अयोध्या के भाजपा विधायक वेदप्रकाश गुप्ता ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 50440 मतों से जीत प्राप्त कर रिकार्ड बनाया था।