जवानों के साथ आए सेना प्रमुख, कहा- कोई समस्या हो तो सीधे मुझे लिखें

पिछले एक हफ्ते में एक के बाद एक सेना से जुड़े वीडियो सामने आने के बाद आज खुद सेना प्रमुख बिपिन चंद्र रावत ने इस घटना पर संज्ञान लिया है। आपको बता दें बीएसफ, CISF के जवानों ने सोशल मीडिया पर भेदभाव, उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपने वीडियो पोस्ट किए।
इस घटना के सामने आने के बाद सेना प्रमुख ने कहा है कि जवानों को विडियोज जारी करके अपना दुखड़ा जाहिर करने की जरूरत नहीं है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सेना प्रमुख ने कहा कि हर आर्मी हेडक्वॉर्टर पर अब शिकायत पेटी लगाई जाएगी। इसके जरिए जवान अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। सेना प्रमुख ने आश्वासन दिया कि इस पेटी को वह खुद खोलेंगे।
पहचान रखी जाएगी गुप्त
सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ' हम यह सुनिश्चित करेंगे कि शिकायत करने वाले सैनिकों की पहचान गुप्त रहे। हम चाहते हैं कि सैनिक सीधे हमारे पास आएं बजाय कि सोशल मीडिया में जाने के। अगर इसके बाद भी वह असंतुष्ट रहें तो अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करें। सोशल मीडिया एक दोतरफा हथियार है, जिसके अपने नुकसान भी हैं। मीडिया के ज़रिए यह संदेश मैं जवानों तक पहुंचाना चाहता हूं।
मुझे आपकी जरूरत होगी
इस कॉन्फ्रेंस में जनरल रावत ने कहा कि हम सभी सुरक्षा चुनौतियों के बारे में जानते हैं। हमको प्रॉक्सी वॉर और टेररिज्म आदि की चिंता है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सेक्युलर वातावरण बनाए रखें और इसको बिगाड़ने वाले तत्वों से निपटें, इसके लिए मुझे आपकी जरूरत होगी। परंपरागत के साथ अपारंपरिक खतरों के बारे में भी आगाह रहना होगा।
आपको बता दें, सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की ओर से कई शिकायती विडियोज सामने आए हैं। पहले बीएसएफ, फिर CISF और अब सेना के एक जवान ने विडियो जारी करके उत्पीड़न की शिकायत की है। सेना के इस जवान का नाम लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह है। इसमें उन्होंने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग की है।
आरोपों की जांच की जाए
देहरादून के 42 इन्फेन्ट्री ब्रिगेड में तैनात लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने विडियो में कहा कि उन्होंने जून में पीएम, रक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को लिखा था। उनकी ब्रिगेड को पीएमओ की ओर से निर्देश दिए गए कि आरोपों की जांच की जाए। सिंह के मुताबिक, मामले की जांच के बजाए अधिकारियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, उनके खिलाफ ही जांच शुरू कर दी, जिसके तहत उनका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है। सिंह ने विडियो में कहा, 'मैंने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा था कि सहायक के तौर पर काम करने वाले सैनिकों से बूट पॉलिश नहीं करवाना चाहिए।'
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