...तो 600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेगी भारतीय रेल

दुनिया में भारतीय रेलवे का नेटवर्क सबसे बड़ा है, लेकिन जब हम बात करते हैं ट्रेन की स्पीड की तो यहां हम पिछड़े हुए नजर आते हैं। और देशों के मुकाबले हमारे यहां ट्रेनों की रफ्तार कम है। हालांकि इस दिशा में भारतीय रेलवे ने सोचना शुरू कर दिया है और बुलेट ट्रेन को भारत में चलाने पर विचार किया जा रहा है।
इन सब प्रयासों के बीच रेलमंत्री मौजूदा व्यवस्था में ही ट्रेनों की गति बढ़ाने के बारे में विचार कर रहे हैं। इसके लिए वो नई टेक्नॉलजी लाने की तैयारी कर रहे हैं।
ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की तैयारी
आपको बता दें, केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार की रेलगाड़ियों की गति बढ़ाकर 600 किलोमीटर प्रति घंटा करने पर नजर है। इसके लिये वह ऐपल जैसी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग ने दो व्यस्त रूट दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़ाने के लिये 18,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस मंजूरी के साथ गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़कर 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक हो जाएगी।
ऐसा हुआ तो होगी समय की बचत
उन्होंने कहा, आप खुद से इसकी कल्पना कर सकते हैं कि इससे यात्रा के समय में कितनी बचत होगी। भविष्य की योजना साझा करते हुए प्रभु ने कहा कि सरकार ने छह-आठ महीने पहले ट्रेनों की गति 600 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक करने की दिशा में काम करने के लिये बड़े प्रौद्योगिकी कंपनियों को बुलाया था। साथ ही उन्होंने कहा कि हम ऐपल जैसी कंपनियों के साथ पहले से बातचीत कर रहे हैं। देश में प्रौद्योगिकी का आयात नहीं किया जाएगा बल्कि उसका यहां विकास किया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा भी महत्वपूर्ण चिंता का विषय है और भारतीय रेलवे ऐसे डिब्बों के उपयोग की योजना बना रहा है जो अल्ट्रासोनिक प्रौद्योगिकी के जरिये रेल में टूट-फूट का पता लगा सके। ताकि सुरक्षा क ध्यान रखा जा सके है।
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