कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खोला पिटारा, ऐसे होगा आपका फायदा...

नोटबंदी के एक महीने के बाद केंद्र सरकार ने कैशलेस सिस्टम और डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की हैं। डिजिटल पेमेंट करने वालों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 0.75 फीसदी की छूट दी जाएगी। यही नहीं अब जो भी यात्री ऑनलाइन रेल टिकट खरीदेंगे, उन्हें 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर मुफ्त मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को यह घोषणा की।
इसके अलावा बीमा प्रीमियम, टोल प्लाजा, रेलवे सुविधाओं आदि कई जगहों पर डिजिटल पेमेंट करने पर छूट की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि अब पेट्रोल-डीजल की 40 फीसदी खरीद कैशलेस तरीके से हो रही है। डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई अहम घोषणाएं की हैं।
ये होंगे फायदे...
1- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए स्वाइप मशीन और माइक्रो एटीएम को बढ़ावा दिया जाएगा।
2- देश में करीब 4.32 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किए जाते हैं, इन सभी को नाबार्ड द्वारा रुपे कार्ड दिया जाएगा।
3- हर 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांव में दो पीओएस यानी प्वाइंट ऑफ सेल लगाए जाएंगे। ऐसे करीब एक लाख गांवों का चयन किया जाएगा।
4- शहरी क्षेत्रों में मंथली-सीजनल टिकट डिजिटल तरीके से लेने वालों को 0.5 फीसदी का डिस्काउंट दिया जाएगा। इसे सबसे पहले मुंबई में लागू किया जाएगा।
5- ऑनलाइन रेलवे टिकट लेने वालों को 10 लाख रुपये का अलग से एक्सीडेंटल बीमा कवर दिया जाएगा।
6- रेलवे की कैटरिंग, रिटायरिंग रूम्स जैसी सुविधाओं के लिए डिजिटल पेमेंट करने वाले को 5 फीसदी की छूट दी जाएगी।
7- देश भर के सभी टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट के द्वारा आरएफआइडी और फास्टैग कार्ड लेने पर 10 फीसदी की छूट दी जाएगी।
8- सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कस्टमर पोर्टल से इंश्योरेंस लेने पर और प्रीमियम देने पर जनरल इंश्योरेंस पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी और लाइफ इंश्योरेंस पर 8 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
9- डिजिटल पेमेंट करने वालों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 0.75 फीसदी की छूट दी जाएगी।
10- पीएसयू बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि माइक्रो, एटीएम, पीओएस टर्मिनल और मोबाइल पीओएस का किराया 100 रुपये से अधिक न हो।
11- 2000 रुपये के सभी डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर सर्विस टैक्स लागू नहीं होगा.
12- केंद्रीय विभाग और पीएसयू सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांजैक्शन फीस और एमटीआर चार्जेज का बोझ न पड़े।
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