वोट देने पहुंची मयावती ने की अमित शाह की तारीफ, ये है वजह

उत्तरप्रदेश में विधानसभा के चौथे चरण की वोटिंग जोरों पर चल रही है। राजनेता भी वोट देने के लिए मतदाता केन्द्र पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख, मयावती भी लखनऊ के चिल्ड्रन पैलेस न्यू सिंपल नर्सरी स्कूल में मतदान करने पहुंचीं। मीडिया में मतदाताओं से वोटिंग की अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘’उत्तर प्रदेश के 7 चरणों के विधानसभा चुनाव में आज चौथे चरण का मतदान चल रहा है। ऐसे में सबसे पहले मतदाताओं से अपील है कि लोकतंत्र के उत्सव में लोग अपने घरों से जरूर निकलें और अपना एक-एक वोट जरूर डालें। बाबासाहेब के अथक प्रयासों से वोट डालने का अधिकार मिला है। इसलिए वोट डालने का प्रयोग जरूर करना चाहिए।‘’
अमित शाह की तारीफ की ये है वजह
हाल ही में अमित शाह ने बीएसपी को एक मजबूत पार्टी बताया था। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि मायावती ने अपनी प्रासंगिकता नहीं खोई है। उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश में वोट मिलेगा। शाह ने कहा, "बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। मुझे विश्वास है कि उन्हें वोट मिलेगा। मुझे नहीं पता कि यह कितनी सीटों में तब्दील होगा लेकिन बसपा को वोट मिलेगा। मायावती की जमीन पर अपनी पकड़ है। जाटव वोटबैंक मायावती के साथ जाएगा। मुस्लिम वोट भी बड़ी मात्रा में मायावती के साथ जाएगा।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा सुप्रीमो मयावती ने कहा है कि मैं समझती हूं कि यह उनकी महानता है कि उन्होंने सच्चाई को स्वीकार की है। लेकिन मैं उनको यह भी बताना चाहती हूं कि पूरे उत्तर प्रदेश में बीएसपी को अकेले दलितों और मुसलमानों का ही नहीं, बल्कि अति पिछड़े और सवर्ण समाज यानी सर्व समाज का वोट बहुजन समाजवादी पार्टी को मिल रहा है।
बता दें, शाह से यह भी पूछा गया, क्या इससे भाजपा को फायदा होगा? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘’मुझे नहीं पता कि इससे भाजपा को फायदा होगा या नुकसान। यह उस सीट पर निर्भर करता है। लेकिन, यह सच नहीं है कि मायावती का रेलवेंस खत्म हो चुका है।''
अखिलेश को कहा नकली अंबेडकरवादी
मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव अगर अंबेडकरवादी होते तो वह हमारे द्वारा शुरू किए गए कार्यों और जगहों के नाम अपनी सरकार में न बदलते। अखिलेश यादव नकली अंबेडकरवादी हैं। जब सपा सरकार सत्ता में रही है पिछड़ों का, दलितों का और गरीबों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ। ब्राह्मण समाज का भी उत्पीड़न सपा सरकार में ही हुआ है. अखिलेश यादव केवल बयानबाजी से ही माहौल बना रहे हैं। इनके कार्यकर्ताओं का दिमाग अभी से ही खराब हो गया है। इनकी सरकारों में खूब दंगे हुए। मुजफ्फरनगर का दंगा समाजवादी पार्टी की सरकार का उदाहरण है।
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