69000 शिक्षक भर्ती: MRC पीड़ित और चयनित अभ्यर्थियों ने इस तरह से रखी अपनी मांग

देश में बढ़ती बेरोजगारी (Unemployment) और सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में आती कमी के खिलाफ बुधवार की रात को 9 बजे दीपक जलाकर युवाओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। युवाओं के इस आंदोलन (Youth Demonstrated) का समर्थन करते हुए सपा (SPA) और कांग्रेस (Congress) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बुधवार रात नौ बजे मोमबत्ती जलाकर पूरे देश में विरोध किया। शहर से लेकर गांवों तक में युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ यह प्रदर्शन (Youth Demonstrated) किया। वहीं, उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल से नौकरी का इंतजार कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भी इस आंदोलन (Youth Demonstrated) का समर्थन करते हुए विरोध जताया। अभ्यर्थियों ने यही कहा कि सरकार को हम लोगों की बात सुननी चाहिए और हमारे हित में फैसला लेना चाहिए। सरकार भर्ती में जान बूझकर देरी कर रही है। अगर सरकार चाह जाए तो यह भर्ती प्रक्रिया समय से पूरी हो सकती है।
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बेरोजगारी के खिलाफ दीपदान
केंद्र सरकार (Central Government) की गलत नीतियों के चलते लगातार कम होती भर्ती और ठप पड़ीं भर्ती की परीक्षाओं, परिणाम घोषित करने में हो उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से लगातार की जा रही देरी और इससे बढ़ रही बेरोजगारी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने बुधवार को फिर मोर्चा खोल दिया।
रात नौ बजकर नौ मिनट पर घर की बत्तियां बुझा दीं और मोमबत्ती, टॉर्च व दीया जलाकर प्रदर्शन (Youth Demonstrated) किया। बता दें, इसके पहले पांच सितंबर को भी युवाओं ने थाली और ताली पीटकर भी विरोध जता चुके हैं। इस कार्यक्रम में बुधवार को राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन दिया और बड़ी संख्या में सपा (SPA), आप (AAP) और कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किया।
इस दौरान सोशल मीडिया (Social Media) पर अचानक तीन ट्रेंड्स ऊपर आ गए। इस दौरान चले #9बजे9मिनट #9Sep9Baje9Minute #9Sept9PM9Minute पर लाखों लोगों ने ट्विट किया। इलाहाबार, लखनऊ, दिल्ली, जयपुर सहित अन्य शहरों में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का यही कहना था कि सरकार भर्तियां (Government Recrument) निकाल नहीं रही है और जहां पर निकली है वह पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। छात्रों का कहना था कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़कर 9.1 फीसदी और जीडीपी -23.9 तक गिर गई है।
अभ्यर्थियों का यह भी आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार भी रोजगार देने से पीछे हट गई है। प्रदेश के सभी आयोगों, बोर्डों में न सिर्फ नौकरियां कम हुई हैं, बल्कि परीक्षाओं में अनियमितता, नकल व भ्रष्टाचार अब आम बात होती जा रही है।
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69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने चलाए ये ट्रेंड्स
उत्तर प्रदेश के हजारों अभ्यर्थियों की आश बनी 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) अभी न्याय के लिए भटक रही है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक में इस भर्ती में दर्जनों केस चल रहे हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण निर्णय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का आना है। अभी वहां पर भी न्याय मिलने के कोई आसार नहीं है। ऐसे में बुधवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन (Youth Demonstrated) किया और दीप जलाकर सरकार से जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया को पूरी कराए जाने की मांग की।
नौकरी पाने के लिए बिल्कुल करीब पहुंच चुके प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन दो साल बाद भी अभी तक कोर्ट के चक्कर में यह भर्ती फंसी हुई है। बुधवार को #Complete_69K_TeacherVacancy, #SpeakUpFor69000TeachersJoining और #69000_शिक्षक_भर्ती जैसे ट्रेड्स जलाकर अभ्यर्थियों ने विरोध जताया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की तरफ से यह भर्ती दिसंबर 2018 में निकाली गई थी। जनवरी 2019 में परीक्षा सम्पन्न हो गई।
अब दो साल बीतने को हैं लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हुई है। बता दें, विभाग की तरफ से भर्ती प्रक्रिया को पूरी कराने के लिए एक जून 2020 को 67,867 चयनित अभ्यार्थियों की लिस्ट जारी की गई थी, लेकिन कोर्ट से स्टे होने की वजह से चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी।
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एमआरसी पीड़ित अभ्यर्थियों ने भी चलाया ट्रेंड्स
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों (69000 Assistant Teachers) की चल रही भर्ती में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) का मुद्दा बहुत ही गंभीर बन गया है। इस भर्ती प्रक्रिया में इस से पीड़ित अभ्यर्थियों ने भी बुधवार की शाम को विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद किया। बता दें, एमआरसी गलत तरीके से लागू किए जाने की वजह से इस भर्ती प्रक्रिया से हजारों छात्र वंचित रह गए हैं।
वहीं, 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एमआरसी के मुद्दे को अन्य पिछड़ा आयोग (National Commission for Backward Classes) की तरफ से गंभीरता से लिया जा रहा है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) ने एमआरसी (MRC System) के मुद्दे पर 3 जून से 20 अगस्त के बीच विभाग से कई बार अभ्यर्थियों की सूची मांग चुका है, लेकिन अभी तक विभाग को सूची नहीं उपलबध कराई है। विभाग की तरफ से सूची न उपलब्ध कराए जाने की वजह से आयोग ने भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर स्टे भी लगा दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एमआरसी (MRC System) की वजह से ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मरा गया है।
यही नहीं, एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू होने की वजह से ही जनरल और ओबीसी (OBC) वर्ग की कटऑफ में भी ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। इस बार सामान्य और ओबीसी वर्ग के बीच में महज .38 के अंतर पर ही कटऑफ रूकी है। बुधवार को अभ्यर्थियों की तरफ से Speak_Up_For_69K_Reservation नाम से ट्रेंड्स चलाया गया।
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