69 हजार शिक्षक भर्ती: जमकर हुआ फर्जीवाड़ा, टॉपर की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज

उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के सपनों पर नकलमाफिया सेंध लगा रहे हैं। सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले छात्रों के हाथों में नौकरी भले न लगती हो, लेकिन नकलमाफिया पैसा लेकर बिना मेहनत करने वालों का सपना पूरा करा रहे हैं।
ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश में इन दिनों चल रही 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में देखने को मिला, जिसमें हजारों अभ्यर्थियों के सपनों पर विराम नकलमाफियाओं ने लगा दिया। पर्चा लीक कराकर अपने छात्रों को पास कराने के लिए इन लोगों ने हर तरीके को अपनाया।
यही नहीं, इस भर्ती में टॉपरों ने 150 में से 143 अंक अर्जित करके सबको चौकना कर दिया। उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री डॉ सतीश द्विवेदी भी परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यर्थियों की वाहवाही कर रहे थे। वह मीडिया से कह रहे थे कि उनमें योग्यता रही होगी, तभी उन अभ्यर्थियों ने इतने अंक अर्जित किए हैं। इन अभ्यर्थियों की योग्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टॉपर को भारत के राष्ट्रपति तक का नाम नहीं मालूम हैं। परीक्षा में इस तरह की हुई धांधली पर अभ्यर्थियों ने सीएम से परीक्षा को निरस्त कराए जाने की मांग की है।
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धर्मेंद्र ने पूछताछ में पुलिस को दिया अहम सुराग
69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, इसका आकलन पुलिस को भी हो गया है। इस परीक्षा में पर्चा को लीक कराने से लेकर नकल कराने में सक्रिय रहे गिरोह की गिरफ्तारी के बाद से एक के बाद एक करके राज खुलते जा रहे हैं। परीक्षा में किस तरह से धांधली हुई है और पर्चा लीक हुआ है इसका अंदाज परीक्षा में टॉप करने वाले धर्मेंद्र कुमार पटेल से ही लगाया जा सकता है। प्रयागराज जिले के सरायममरेज गांव के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार का नाम 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा में टॉपरों की सूची में शामिल। उन्होंने कुल 150 में से 142 अंक हासिल किए, लेकिन पुलिस ने पूछने पर वह राष्ट्रपति तक का नाम नहीं बता पाए हैं। एएसपी ने जब ऐसे सवाल पूछे तो, तो वह खुद ही हैरतअंगेज रह गए। एएसपी अशोक वेंकटेश ने बताया कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में फर्जीवाड़ा और नकल करके पास हुए धर्मेंद्र, विनोद समेत तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र से राष्ट्रपति के अलावा अन्य सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गए, लेकिन उनका जवाब धर्मेंद्र कुमार नहीं दे पाया।
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परीक्षा में शामिल 20 अभ्यर्थियों की तलाश जारी
69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में जमकर हुए फर्जीवाड़ा की हकीकत अब सामने आ रही है। अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में 150 अंकों में से 143 से लेकर 135 तक अंक हासिल किए हैं। इतने अंक एक दो अभ्यर्थियों ने नहीं बल्कि सैकड़ों ने हासिल किए हैं। परीक्षा में इतने अच्छे अंकों के साथ पास होने पर अब परीक्षा की विश्वनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। टॉपरों की सूची में शामिल लोगों को अब पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। एएसपी अशोक वेंकटेश के अनुसार आरोपियों के पास से एक डायरी मिली है, जिसमें 20 अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं। इनमें से 18 अभ्यर्थियों के चयन होने का पता चला है। अभी हमारी गिरफ्त में सिर्फ तीन ही लोग आए हैं। उन्होंने बताया कि अन्य 17 लोगों की तलाश की जा रही है।

प्रयागराज के सेंटर ही निशाने पर
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) की परीक्षा में प्रयागराज के सेंटरों पर जमकर धांधली की गई हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रयागराज के अभ्यर्थियों की निकली सूची में आधे से ज्यादा अभ्यर्थियों को गृहजनपद ही मिल गया है। एएसपी ने बताया कि परिणाम आने के बाद ही पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में धांधली हुई हैं, इससे अनदेखी नहीं की जा सकती है।
परीक्षा में धांधली के आरोपों की वजह से ही लोगों की गिरफ्तारी के बाद राज खुल रहे हैं। एएसपी ने बताया कि प्रयागराज के फूलपुर, सोरांव, बहरिया आदि क्षेत्रों के अभ्यर्थियों ने सबसे ज्यादा अंक पाए हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले अभ्यर्थियों ने 140 से ऊपर अंक अर्जित किए हैं। उन्होंने बताया कि इस भर्ती में आरोप था कि लगभग 34 अभ्यर्थियों ने 140 नंबर पाए जबकि टीईटी के दौरान 82 से 90 अंक ही अर्जित किए हैं।
उन्होंने बताया कि इस भर्ती में धांधली का आरोप लगाने वालों ने बताया था कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. कृष्ण लाल पटेल ने अपने करीबियों को फर्जीवाड़ा करके ज्यादा नंबर दिलाए हैं। इसमें पेपर आउट से लेकर कई तरह की सेटिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि अब सबके बारे में पता लगाया जा रहा है और अब उनकी गिरफ्तारी के बाद ही बाकी चीजें सामने आ सकेंगी।

शिक्षामंत्री कह रहे थे नहीं हुई नकल, टॉपर की थी तारीफ
उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी इस भर्ती को भ्रष्टाचार के दाग से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वह चाह रहे हैं कि उनके कार्यकाल में हो रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में किसी भी प्रकार का दाग न लगने पाए, लेकिन एसटीएफ और पुलिस की सक्रियता से उनका यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। परिणाम आने के एक महीने के अंदर ही इस भर्ती में भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलने लगी है। पुलिस ने पहले पर्चा लीक कराने वाले गिरोह को पकड़ा, उसके बाद इस परीक्षा में टॉपर रहे अभ्यर्थियों को पकड़कर पूछताछ कर रही है। बता दें इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में टॉप करने वाले अभ्यर्थियों के बारे में शिक्षामंत्री से पूछा गया था कि उन पर आरोप लग रहे हैं, कि उन लोगों ने नकल करके परीक्षा पास की है। उस समय शिक्षामंत्री ने कहा था कि परीक्षा में असफल अभ्यर्थी अब नकल होने की अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उनमें योग्यता रही होगी, तभी उन लोगों ने परीक्षा में इतने अंक हासिल किए हैं। इन अभ्यर्थियों में कितनी योग्यता रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें भारत के राष्ट्रपति तक का नाम नहीं मालूम है।

ठेका लेने वालों की गिरफ्तारी के बाद खुले राज
69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में ठेका लेकर पास कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस गैंग की गिरफ्तारी के बाद ही कई राज खुल रहे हैं। इस शिक्षक भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए राहुल नामक एक अभ्यर्थी ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को शिकायती पत्र दिया था, उस शिकायती पत्र के आधार पर ही पुलिस छानबीन शुरू की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुरुवार की रात को सोरांव थाने में रूद्र पति दुबे, शशि प्रकाश सरोज, हरीकृष्ण सरोज, कमल पटेल, रंजीत, केएल पटेल, मायावती दुबे और आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए धरपकड़ शुरू की।
इन लोगों ने सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में पास कराने के लिए उससे भी 7.50 लाख रुपया लिया था, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसका नाम नहीं था। पुलिस ने जब इस प्रकरण में गिरफ्तारी की, तो कई राज खुल गए। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए पांच से सात लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी को पास कराने का पूरा ठेका लेते हैं। उन्होंने बताया कि विशेष तरीके से नकल कराते हैं और परीक्षा केंद्र में आंसर शीट ले जाने के लिए एक विशेष रुमाल प्रिंट कराए, जिसमें कोडिंग के थ्रू आंसर टिक किए थे।
उन्होंने बताया कि इस परीक्षा (69000 Assistant Teachers) के लिए अभ्यर्थियों ने एक-एक लाख रुपये एडवांस दिया था। उन्होंने बताया था कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले 20 अभ्यर्थियों के नाम ही सामने आए हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद ही अब राज खुल रहे हैं।
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